असुरक्षित गर्भ समापन से महिलाओं का जीवन खतरे में
जागरण संवाददाता जौनपुर अंतरराष्ट्रीय सुरक्षित गर्भ समापन दिवस के अवसर सोमवार को टीबी अस्प
जागरण संवाददाता, जौनपुर : अंतरराष्ट्रीय सुरक्षित गर्भ समापन दिवस के अवसर सोमवार को टीबी अस्पताल रोड चाइल्ड लाइन कार्यालय में संगोष्ठी हुई। आयोजन नारी चेतना फाउंडेशन व सहयोग लखनऊ ने किया। इस दौरान वक्ताओं ने कहा कि असुरक्षित गर्भ समापन से महिलाओं का जीवन खतरे में है। सभी लोगों को एक साथ मिलकर इसके लिए लड़ाई लड़नी होगी।
नारी चेतना फाउंडेशन की सचिव मुन्नी बेगम ने कहा कि हर साल होने वाले 5.6 करोड़ गर्भ समापन में 2.5 करोड़ असुरक्षित होते हैं। इनमें 22 हजार लड़कियों और महिलाओं की मृत्यु होती है, जो की दुनिया में होनी वाली मातृत्व मृत्यु का आठ फीसद है और अन्य 70 लाख महिलाओं को गंभीर या स्थायी नुकसान होता है। पूर्व अध्यक्ष बाल न्यायालय संजय उपाध्याय ने बताया कि लाकडाउन के कारण गर्भ निरोधन लेने और उसके प्रयोग में काफी हद तक कमी देखी गई। कोविड के चलते सरकार द्वारा हेल्थ सेंटरों पर नसबंदी और आइयूसीडी की सेवाएं भी रोकी गई। चाइल्ड लाइन के वरिष्ठ परियोजना अधिकारी अभिषेक उपाध्याय ने कहा कि असुरक्षित गर्भ समापन को सुरक्षित बनाने के लिए जरूरी है कि सेवाएं उपलब्ध कराने वाले लोगों को प्रशिक्षण दिया जाए। प्राथमिक उपचार केंद्रों में उचित गर्भ समापन सेवाएं उपलब्ध कराई जाए। इस दौरान चाइल्ड लाइन समन्वय राजकुमार पांडेय, दीपक पाठक, बेबी कुमारी, शालिनी मौर्य, रतनशंकर मिश्रा आदि मौजूद रहे।