श्रीराम विलाप देख दर्शकों की नम हुई आंखें
जनपद में रामलीला मंचन की धूम है। रविवार की शाम कहीं राम वनगमन तो कहीं राम-भरत मिलाप का मंचन किया गया। रामलीला देखने के लिए दर्शकों की भीड़ उमड़ रही है। जय श्रीराम के उद्घोष से वातावरण गुंजायमान है।
जागरण संवाददाता, जौनपुर: जनपद में रामलीला की धूम है। रविवार की शाम कहीं राम वनगमन तो कहीं राम-भरत मिलाप का मंचन किया गया। रामलीला देखने के लिए दर्शकों की भीड़ उमड़ रही है। गांवों में रात में जय श्रीराम के उद्घोष से वातावरण गुंजायमान हो रहे हैं।
बक्शा ब्लाक के भुतहा गांव में ऐतिहासिक आदर्श धर्म मंडल रामलीला समिति के तत्वावधान में लक्ष्मण शक्ति, अंगद रावण संवाद का भावपूर्ण मंचन किया गया। रामलीला मंचन में लक्ष्मण शक्ति के ²श्य में मेघनाथ द्वारा लक्ष्मण को शक्ति बाण लगने पर रामादल में खलबली मच गई। रामा दल में शोक की लहर छा गई। प्रभु राम ने हनुमान को सुखेन वैध द्वारा बताए गये द्रोणागिरी पर्वत से संजीवनी बूटी लाने को कहते हैं। उधर राम का विलाप देख दर्शकों की आंखों से आंसू छलक गए। हनुमान के संजीवनी बूटी लेकर लौटते ही रामादल में खुशी की लहर छा गई। फिर सुखेन वैद्य के उपचार के बाद लक्ष्मण को होश आते ही श्रीराम का जयकारा लगाने लगते हैं जिससे पूरा वातावरण भक्तिमय हो जाता है। ग्राम प्रधान राजेश सिंह गुड्डु ने लोगो के प्रति प्रकट किया। राम वनगमन देख छलक पड़ी दर्शकों की आंखें
सिकरारा(जौनपुर): श्रीरामलीला एवं नाट्य समिति गुलजारगंज के भव्य मंच पर खेले जा रहे रामलीला में रविवार की रात राम वनगमन का भावुक ²श्य देखकर दर्शकों की आंखों से आंसू छलक पड़े। राम केवट सम्बाद व भरत द्वारा वन में राम से मिलकर अयोध्या वापसी का मनोहारी प्रस्तुति देखकर लोग भाव विभोर हो गए। आदर्श रामलील समिति कुरनी समाधगंज के मंच पर राम केवट संवाद व दशरथ मरण का मंचन हुआ। भरत द्वारा खड़ाऊ लेकर अयोध्या वापसी का बहुत ही शानदार ²श्य प्रस्तुत किया गया। रामलीला मंचन का हुआ शुभारंभ
नौपेड़वा(जौनपुर): बक्शा विकास खंड के सुल्तानपुर गांव में नवयुवक मंगल दल रामलीला समिति द्वारा रविवार की रात्रि रामलीला मंचन शुरू हुआ। मुख्य अतिथि बदलापुर के पूर्व विधायक ओमप्रकाश उर्फ बाबा दूबे ने कहा कि रामलीला मंचन पारिवारिक एकता में वृद्धि करता है। विशिष्ट अतिथि पूर्व प्रमुख श्रीपति उपाध्याय ने कहा कि रामलीला जीवन को सहज एवं सरल बनाती है। संचालन जयशंकर दूबे एवं आभार वेदप्रकाश शुक्ल ने ज्ञापित किया। जब राम-भरत का मिलन देख विह्वल हुए दर्शक
बदलापुर (जौनपुर): मां कैकेयी के दो वर मांगने पर पिता की आज्ञा से राम अनुज लक्ष्मण व मां जानकी के साथ वन चले गए। जहां वे चित्रकूट में रहने लगे। बाद में जब भरत अयोध्या पहुंचे तो यह बात सुन बहुत नाराज हो गए। भाई राम को मनाने चल पड़े। जहां वन में राम व भरत का मिलन देख दर्शक विह्वल हो उठे। राम के वापस न आने पर भरत राम की खड़ाऊं लाकर सिंहासन पर रख दिया और स्वयं सेवक की भांति राज्य की देखरेख करने लगे। भरत का यह सेवा भाव व भ्रातृत्व प्रेम देख लोग भक्तिरस से सराबोर हो उठे। उधर राम कुछ दिन बाद चित्रकूट से पंचवटी चले गए जहां सूपनखा ने सुंदर रूप बनाकर रामजी को मोहित करने का प्रयास किया किन्तु असफल रही। अंत मे लखन ने सूपर्णखा के नाक कान काट लिया। उसका विलाप देख जमकर ठहाके लगे। क्षेत्र के नेवादा मुरीदपुर गांव में रामलीला मंचन में सत्या शुक्ल, महेंद्र शुक्ल, कपिल, राधेश्याम शुक्ल, कृष्णदेव पांडेय की सराहनीय भूमिका रही।