शेल्टर होम में क्वारंटाइन दो श्रमिकों की मौत
क्वारंटाइन किए गए परदेश से आए दो युवा श्रमिकों की रहस्यमय स्थितियों में मौत हो गई। एक मुंगराबादशाहपुर में शेल्टर होम तो दूसरे को सुजानगंज में प्राथमिक पाठशाला में रखा गया था।
जागरण संवाददाता, जौनपुर: क्वारंटाइन किए गए परदेश से आए दो युवा श्रमिकों की शुक्रवार को रहस्यमय स्थितियों में मौत हो गई। एक को मुंगराबादशाहपुर शेल्टर होम में तो दूसरे को सुजानगंज में प्राथमिक पाठशाला में रखा गया था। एक ही दिन में दो प्रवासी श्रमिकों की मौत से सरकारी अमले ही नहीं दोनों शेल्टर होम में क्वारंटाइन किए गए अन्य श्रमिकों में भी खलबली मच गई है।
मुंगराबादशाहपुर प्रतिनिधि के अनुसार: जफराबाद थाना क्षेत्र के नाथूपुर गांव का प्रदीप कुमार गौतम (34) गुरुवार को मुंबई से श्रमिक स्पेशल ट्रेन से प्रयागराज पहुंचा। वहां से बस से मुंगराबादशाहपुर पहुंचा था। उसे सार्वजनिक इंटर कालेज शेल्टर होम में क्वारंटाइन कर दिया गया। शुक्रवार की सुबह उसकी रहस्यमय परिस्थिति में मौत हो गई। खबर लगते ही प्रशासनिक अमले के साथ ही शेल्टर होम में क्वारंटाइन अन्य लोगों में हड़कंप मच गया। मौके पर पहुंची पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर उच्चाधिकारियों को सूचना दी। डीएम दिनेश कुमार सिंह, एसपी अशोक कुमार व अन्य अधिकारी भी पहुंच गए। मृत श्रमिक के कोरोना वायरस संक्रमित होने की आशंका को देखते हुए जिलाधिकारी के आदेश पर सीएमओ डा. रामजी पांडेय के नेतृत्व में पहुंची मेडिकल टीम ने परीक्षण हेतु नमूना संग्रहित किया। मजदूर की मौत कैसे हुई यह तो पोस्टमार्टम रिपोर्ट से ही साफ हो सकेगा।
बरईपार प्रतिनिधि के अनुसार: सुजानगंज थाना क्षेत्र के दारुनपुर गांव निवासी राज कुमार (20) को गुरुवार को दिन में 11 बजे सूरत से आने पर थर्मल स्कैनिग में सामान्य पाए जाने पर प्राथमिक स्कूल दारुनपुर में क्वारंटाइन कर दिया गया था। रात 11 बजे उसकी तबीयत बिगड़ने लगी। ग्राम प्रधान व ग्रामीणों के सूचना देने पर भी एंबुलेंस नहीं पहुंची। ऐसे में हालत बिगड़ती चली गई। शुक्रवार की सुबह जिला अस्पताल ले जाते समय रास्ते में ही उसकी मौत हो गई। स्वजन शव लेकर घर चले गए। सूचना पर जिला मुख्यालय से पहुंची विशेष टीम ने सीएचसी सुजानगंज के डा. आरडी यादव के साथ मृत युवक के घर पहुंचकर सैंपल लिया और शव को स्वजनों को सौंप दिया।
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प्रदीप पहले से था बुखार से पीड़ित
जिलाधिकारी दिनेश कुमार सिंह ने बताया कि प्रदीप के जीजा अरविद कुमार ने बताया कि उसे कई दिन से बुखार था। एक सप्ताह पूर्व घर आने के लिए मुंबई में ट्रेन पर सवार होने गया था तो रेलवे कर्मियों ने परीक्षण के बाद वापस कर दिया था। 13 मई को वह दवा खाकर फिर ट्रेन पर सवार हो गया। शेल्टर होम में ठहरे अन्य लोगों ने बताया कि प्रदीप को बुखार के साथ ही खांसी व सांस लेने में दिक्कत हो रही थी। कोरोना वायरस संक्रमित होने की आशंका में उसका सैंपल लेकर परीक्षण को भेजा गया है। रिपोर्ट आने पर आगे उचित कार्रवाई की जाएगी।