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तड़पते चेकडैमों को बारिश का इंतजार

जासं, जौनपुर : बूंद-बूंद पानी की कीमत प्यास लगने पर ही समझ में आती है। बावजूद इसके लोग पान

By JagranEdited By: Published: Sat, 26 May 2018 05:30 PM (IST)Updated: Sat, 26 May 2018 11:18 PM (IST)
तड़पते चेकडैमों को बारिश का इंतजार
तड़पते चेकडैमों को बारिश का इंतजार

जासं, जौनपुर : बूंद-बूंद पानी की कीमत प्यास लगने पर ही समझ में आती है। बावजूद इसके लोग पानी की कीमत नहीं समझ रहे हैं, जबकि जल संकट को देखते हुए सरकार ने जगह-जगह डार्क ब्लाकों में चेकडैम का निर्माण कराया है, ¨कतु यह चेकडैम खुद ही प्यासे तड़प रहे हैं। मौजूदा समय में जिम्मेदार अफसरों की व्यवस्था को देखने पर ऐसा लग रहा है कि अब इन्हें खुद की प्यास बुझाने के लिए बारिश तक का इंतजार करना होगा।

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सरकार जल संचयन पर जोर दे रही है। पानी की कीमतों को समझाने के लिए धन की परवाह नहीं कर रही है, लेकिन इतने के बाद भी स्थिति बिगड़ गई है। मौजूदा समय में जनपद के नौ ब्लाक डार्क जोन घोषित किए जा चुके हैं। ऐसे में इन ब्लाकों में सभी प्रकार की बो¨रगों पर रोक लगा दिया गया है। साथ ही इन स्थानों पर लाखों रुपये की लागत से चेकडैम बनाने का कार्य शुरू किया, जो अब तक 65 की संख्या पर पहुंच गया है। इनमें बारिश का पानी एकत्र किया जाता है। इसका किसान और पशु-पक्षी लाभ उठाते हैं, लेकिन आज इन चेकडैमों की हालत खराब है। बदलापुर क्षेत्र के पीली नदी पर तो जल संरक्षण हेतु बना चेकडैम बेकार साबित हो रहा है। पानी के अभाव में करोड़ों की लागत से बना चेकडैम महज शो पीस होकर रह गया है। इससे जल का संकट गहराता जा रहा है। उधर, सपा सरकार में पूर्व विधायक ओमप्रकाश दुबे 'बाबा' ने जलसंकट को देखते हुए क्षेत्र के निदुरपुर, लालगंज, सिरकिना, बहुर, दुगौली कला, शाहपुर डढि़या बदलापुर खुर्द में एक-एक व पहितियापुर में दो चेकडैम का निर्माण पीली नदी पर कराया था। उस समय पूरी नदी में पानी लबालब भरा हुआ था लेकिन अबकी गर्मी की शुरुआत से ही नदी सूखने लगी। इस समय तो पूरी तरह रेगिस्तान बना हुआ है। इससे पशु-पक्षी जहां बेहाल हैं, वहीं तटवर्ती गांवों में भूगर्भ जलस्तर भी दिन प्रतिदिन नीचे खिसकता जा रहा है। हालांकि पहितियापुर गांव के पश्चिम प्रतापगढ़ जिले की सीमा तक चेकडैम बनने से कुछ पानी अब भी एकत्र है, जिससे पशु-पक्षी लाभांवित हो रहे हैं। दुगौली कला गांव में बना चेकडैम डेढ़ वर्ष पूर्व बारिश के समय अधिक बहाव के चलते बह गया था, जो आज तक न बनाए जाने से खुद के मंसूबों पर पानी फेर रहा है। इसी तरह एक चेकडैम जलालपुर में खराब हो चुका है जबकि अधिकांश चेकडैम सूखे हुए हैं। जहां पानी भराने की जिम्मेदार जहमत उठाना उचित नहीं समझ रहे हैं। कुल मिलाकर देखा जाए तो कई वर्षों से बारिश न होने से जल का संकट बढ़ता ही जा रहा है।

इन ब्लाकों में चेकडैम का निर्माण

डोभी, बक्शा, केराकत, सिरकोनी, मुफ्तीगंज, महराजगंज, बदलापुर, सिकरारा, करंजाकला।


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