दशहरा आज, नहीं जलेगा रावण का पुतला, न ही लगेगा मेला
जागरण संवाददाता जौनपुर कोरोना वायरस के संक्रमण के दौर ने सदियों पुरानी परंपराओं क
जागरण संवाददाता, जौनपुर : कोरोना वायरस के संक्रमण के दौर ने सदियों पुरानी परंपराओं को तोड़ दिया है। असत्य पर सत्य और बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक पर्व विजय दशमी रविवार को है लेकिन न तो कहीं रावण का पुतला दहन होगा और न ही मेला लगेगा। संक्रमण से बचाव को लेकर शासन के निर्देशों का पालन कराने को जिला प्रशासन ने कमर कस लिया है। हालांकि कुछ स्थानों पर सांकेतिक रूप से रावण के पुतले का दहन होगा।
इस वर्ष विजय दशमी की सदियों पुरानी तो व दुर्गापूजा की करीब चार दशक पुरानी परंपराएं भी प्रभावित हुई हैं। जिले में राजा साहब के पोखरा, जेसीज चौराहा समेत विभिन्न स्थानों पर विजय दशमी के दिन रावण का ऐतिहासिक पुतला दहन कार्यक्रम नहीं किया जाएगा। इसके साथ ही कहीं मेले का भी आयोजन नहीं होगा। जिला प्रशासन ने रामलीला समितियों व मेला आयोजकों को इस संबंध में हिदायत दे दी है। साफ संदेश दे दिया है कि इसका उल्लंघन करने वालों से सख्ती से निबटा जाएगा। समिति के बस पांच लोग शामिल होंगे मां दुर्गा की प्रतिमा विसर्जन में
शारदीय नवरात्र में विभिन्न स्थानों पर पंडालों में प्रतिष्ठापित की गईं मां दुर्गा की प्रतिमाओं का विसर्जन सोमवार को आदिगंगा गोमती के व अन्य नदियों के किनारे बनाए गए कुंड में किया जाएगा। विसर्जन का दौर सूर्योदय से सूर्यास्त तक चलेगा। हर साल की तरह दुर्गा प्रतिमा विसर्जन शोभायात्रा नहीं निकलेगी। पूजन समितियों के सिर्फ पांच सदस्य व पदाधिकारी प्रतिमा विसर्जन के लिए जा सकेंगे। एएसपी (सिटी) डा. संजय कुमार ने बताया कि शासन के सभी निर्देशों से पूजन समितियों के जिम्मेदार लोगों को अवगत कराकर उसका अक्षरश: पालन करने का निर्देश दिया गया है। इसका कड़ाई से पालन कराया जाएगा। विसर्जन को लेकर सिटी मजिस्ट्रेट, सीओ सिटी, नगरपालिका के अधिशाषी अधिकारी सहित अन्य अधिकारियों ने कुंड स्थल पर जाकर निरीक्षण किया।
विसर्जन की तैयारी के संबंध में हुई बैठक
श्री दुर्गापूजा महासमिति के अध्यक्ष विजय सिंह बागी की अध्यक्षता में नखास स्थित नवदुर्गा शिव मंदिर पर प्रतिमा विसर्जन के संबंध में शनिवार को बैठक हुई। इसमें पूजन समितियों के पदाधिकारियों को उनकी जिम्मेदारियों से अवगत कराया गया। तय हुआ कि पूर्व की भांति ही कोतवाली चौराहा व किला रोड से आने वाली प्रतिमाएं चहारसू चौराहा, ओलंदगंज होते हुए जेपी होटल के सामने वाली सड़क से नखास गली होते हुए विसर्जन कुंड जाएंगी। महासमिति की विसर्जन सेना प्रतिमाओं का विसर्जन करेगी। इसके बाद खाली वाहन सद्भावना पुल होते हुए गंतव्य तक जाएंगे। इस बार नियंत्रण कक्ष नखास शिव मंदिर पर बनेगा। बैठक में प्रबंधकारिणी समिति के सभी सदस्य उपस्थित रहे। संचालन महासचिव अनिल साहू ने किया।