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ब्रिटिश कालीन लाइब्रेरी से पाठकों ने मुंह मोड़ा

तालीम की नगरी जौनपुर में अंग्रेजों के जमाने का तैयार शाही पुल स्थित लाइब्रेरी आज सिर्फ नाम की रह गई। इसके रख-रखाव की पूरी जिम्मेदारी नगर पालिका की है। पूरे पुस्तकालय को बाबू व चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी देख रहा है। इसके बाद भी यहां व्यवस्था के नाम पर कुछ भी नहीं है। भागम-भाग की ¨जदगी, इंटरनेट, मोबाइल के कारण लोगों का रुझान पुस्तकालय के प्रति कम दिखाई पड़ रहा है।

By JagranEdited By: Published: Fri, 16 Nov 2018 07:34 PM (IST)Updated: Fri, 16 Nov 2018 07:34 PM (IST)
ब्रिटिश कालीन लाइब्रेरी से पाठकों ने मुंह मोड़ा
ब्रिटिश कालीन लाइब्रेरी से पाठकों ने मुंह मोड़ा

जागरण संवाददाता, जौनपुर : तालीम की नगरी जौनपुर में अंग्रेजों के जमाने का तैयार शाही पुल स्थित लाइब्रेरी आज सिर्फ नाम की रह गई है। इसके रखरखाव की पूरी जिम्मेदारी नगर पालिका की है। पूरे पुस्तकालय को बाबू व चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी देख रहे हैं। इसके बाद भी यहां व्यवस्था के नाम पर कुछ भी नहीं है। भागमभाग की ¨जदगी, इंटरनेट, मोबाइल के कारण लोगों का रुझान पुस्तकालय के प्रति कम दिखाई पड़ रहा है।

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जानकारों की माने तो इस पुस्तकालय का निर्माण अंग्रेजों के समय में हुआ था। आजादी के बाद नगर पालिका सिटी बोर्ड का गठन हुआ। जिसके बाद यह पुस्तकालय नगर पालिका के अंर्तगत चलने लगा। इसके लिए एक पुस्तकालय अध्यक्ष की नियुक्ति की गई थी। मगर उससे कोई दूसरा कार्य लिया जा रहा है। 27 वर्षो से नहीं हुई किताबों की खरीद

पुस्तकालय में पिछले 27 वर्षो से एक भी किताबों की खरीद नहीं हुई है। जिससे लाइब्रेरी में पढ़ने वाले लोग भी कम पहुंच रहे है। खस्ताहाल व्यवस्था के चलते इसके सदस्य भी नाम मात्र के ही रह गए है। यहां सिर्फ पेपर व मैगजीन पढ़ने वाले ही लोग आते हैं। आठ हजार अमूल्य किताबों का संग्रह

इस पुस्तकालय में करीब आठ हजार किताबें है। सबसे बड़ी बात यह कि इसमें से 80 फीसद किताबें अंग्रेजी की है। बाकी ¨हदी व अन्य है। जिसमें कुछ ऐसी पुस्तकें हैं जो बेशकीमती हैं। जौनपुर व ऐतिहासिक इमारतों से जुड़ी खास किताबें सिर्फ यहीं पर हैं। कैसे बने सदस्य

पुस्तकालय का सदस्य बनने के लिए 250 रुपये रजिस्ट्रेशन शुल्क लिया जाता है। इसके लिए प्रति माह एक रुपये सदस्यता शुल्क भी लिया जाएगा। खुलने का समय सुबह आठ से दस व सायं साढ़े चार से सात बजे तक है। व्यवस्था कराई जाएगी दुरुस्त: ईओ

अधिशासी अधिकारी नगर पालिका कृष्णचंद्र का कहना है कि वह लाइब्रेरी में रोजाना अखबार, प्रतियोगिता दर्पण, मैगजीन आदि मंगाई जा रही हैं। उनका प्रयास रहेगा कि पुरानी लाइब्रेरी को और सुव्यवस्थित किया जाए। वर्तमान लिपिक व चतुर्थ श्रेणी को कामकाज देखने के लिए लगाया गया है।


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