समय से काम न होने पर बढ़ी फोरलेन निर्माण की समयावधि
केंद्र सरकार की महत्वाकांक्षी परियोजनाओं में से एक वाराणसी-लखनऊ फोरलेन मार्ग है। इस राष्ट्रीय राजमार्ग का निर्माण निर्धारित समय बीतने के बाद भी जिले में अधूरा है। 69 किमी मार्ग में से 1
जागरण संवाददाता, जौनपुर : केंद्र सरकार की महत्वाकांक्षी परियोजनाओं में से एक वाराणसी-लखनऊ फोरलेन मार्ग है। इस राष्ट्रीय राजमार्ग का निर्माण निर्धारित समय बीतने के बाद भी जिले में अधूरा है। 69 किमी मार्ग में से 18 किमी सड़कों पर अभी निर्माण पूरा नहीं हो सका है। जिसको देखते हुए शासन से फोरलेन निर्माण की समयावधि बढ़ाकर 2020 तक कर दी गई है। इसे कार्यदायी संस्था की लापरवाही कहें या शिथिलता जिससे काम समय से काम पूरा नहीं हो पा रहा है। धीमी गति से हो रहे फोरलेन निर्माण से यात्रियों को फजीहत झेलनी पड़ रही है।
लखनऊ-वाराणसी राष्ट्रीय राजमार्ग पर फोरलेन और बाईपास बनाने की प्रक्रिया वर्ष 2012 से चल रही है। इसकी कुल लंबाई 69 किमी है, यह सिगरामऊ के केवटली से शुरू होकर त्रिलोचन के लहंगपुर तक पहुंचा। करीब 1200 करोड़ के निर्माण में 800 करोड़ रुपये खर्च किए जा चुके है। इसमें 51 किमी सड़क का काम पूरा हो गया हैं, 18 किमी का कार्य और बाकी है। यहां पर स्टेज, मिट्टी का कार्य चल रहा है। फोरलेन निर्माण के लिए वर्ष 2012 में गजट प्रकाशित किया गया। इसके बाद भूमि अधिग्रहण की प्रक्रिया शुरू की गई। इसमें 200 करोड़ रुपये किसानों को बांटा जा चुका है। अब इक्का-दुक्का ऐसे ही किसान बचे होंगे जिनका मामला कोर्ट में चल रहा होगा। इस कार्य को जून 2018 तक पूर्ण कर लेना था, सात साल से अधिक समय बीत जाने के बाद भी काम अधूरा है। यहां पर काम हैं अधूरा:- जिले के जलापुर चौराहा, दरवेशपुर, बाकराबाद, सिरकोनी, हौज, पूरामुकुंदपुर में निर्माण कार्य अधूरा है। पूरामुकुंदपुर का प्रकरण हाईकोर्ट में चल रहा है, फिलहाल निर्माण वाले क्षेत्र पर भूमि खाली है। प्रशासन की तरफ से सभी जगहों पर भूमि अधिग्रहण का कार्य पूरा करके कार्यदायी संस्था को सौंप दिया गया हैं, अगर विवाद में है तो भूमि भी खाली करा ली गई है। --------------
जिले की 69 किमी फोरलेन में से करीब 51 किमी का कार्य पूर्ण हो चुका है, 18 किमी पर कार्य चल रहा है। पुरामुकुंद में विवाद है तो हौज गांव में अभी कुछ दिन पहले ही भूमि प्राप्त हुई है। इसमें निर्धारित समय बीतने के बाद पुन: जून 2020 तक का समय दिया गया है। जिसके लिए युद्ध स्तर पर काम चल रहा है।
जतीन लखमानी-उप प्रबंधक-एनएचएआई