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150 प्रधानों पर लटकी तलवार, सीज होंगे अधिकार

मनरेगा मजदूरों को सौ दिन का रोजगार मुहैया करा पाने में फिसड्डी 150 ग्राम प्रधानों पर तलवार लटक गई है। सभी के वित्तीय अधिकार सीज कराने की तैयारी चल रही है। तमाम आदेश व निर्देश के बाद भी डेढ़ सौ ग्राम पंचायतों में मनरेगा के तहत न तो कार्य हुआ और न ही श्रमिकों को रोजगार मुहैया कराया गया। ऐसे में काम की तलाश में मजदूरों को पलायन करना पड़ रहा है। इसे गंभीरता से लेते हुए लापरवाह प्रधानों को कार्रवाई के लिए सूचीबद्ध कर लिया गया है।

By JagranEdited By: Published: Thu, 26 Dec 2019 06:31 PM (IST)Updated: Thu, 26 Dec 2019 06:31 PM (IST)
150 प्रधानों पर लटकी तलवार, सीज होंगे अधिकार
150 प्रधानों पर लटकी तलवार, सीज होंगे अधिकार

जागरण संवाददाता, जौनपुर: मनरेगा मजदूरों को सौ दिन का रोजगार मुहैया करा पाने में फिसड्डी 150 ग्राम प्रधानों पर कार्रवाई की तलवार लटक गई है। सभी के वित्तीय अधिकार व प्रशासनिक सीज करने की तैयारी पूरी कर ली गई है। तमाम आदेश व निर्देश के बाद भी डेढ़ सौ ग्राम पंचायतों में मनरेगा के तहत न तो कार्य हुए और न ही श्रमिकों को रोजगार मुहैया कराया गया। ऐसे में काम की तलाश में मजदूरों को पलायन करना पड़ रहा है। इसे गंभीरता से लेते हुए उदासीन प्रधानों को कार्रवाई के लिए सूचीबद्ध कर लिया गया है।

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मनरेगा के तहत श्रमिकों को रोजगार देने के तमाम फरमान के बाद भी बक्शा, महराजगंज, करंजाकला, मड़ियाहूं, रामनगर, रामपुर, शाहगंज, सिकरारा व सिरकोनी ब्लाक के तमाम ग्राम पंचायतों में कुछ काम ही नहीं हुआ। रोजगार मुहैया कराने को लेकर प्रधानों को कई बार मौखिक चेतावनी भी दी गई, लेकिन इसका भी कोई नतीजा नहीं निकला। इसके बाद लापरवाह ग्राम प्रधानों को न सिर्फ सूचीबद्ध किया गया, बल्कि व्यापक स्तर पर कार्रवाई की प्रक्रिया भी पूरी कर ली गई। इन ब्लाक के ग्राम प्रधानों पर लटकी तलवार

बक्शा: मोहम्मदपुर, उमरछा, चौखड़ा, जंगिपुर, कौली, पिपरी, सद्दोपुर, बेलछा, गोरियापुर, गौराकलां, सलारपुर, बक्शा, सुजियामऊ।

करंजाकला: गौसपुर चकिया, लाडलेपुर, प्यारेपुर, अभयचंद पट्टी, हाजीपुर, खरौना, लोहता, चबेलेपुर, हैदरपुर, गिरधरपुर, पांडेयपुर व पुरुषोत्तमपुर।

केराकत: गंगौली, धरौरा, सरायबीरू व शहाबुद्दीनपुर।

मछलीशहर: राजेपुर, महापुर, बसेरवां, कल्यानपुर, चितांव, टिकरा, माधोपुर व नदन।

रामनगर: नारायणपुर, मैनपुर, सलारपुर, औरा, बहरी, शेखपुर, जयरामपुर, चोरारी, कुंभापुर, मधुपुर, कोलवारी, नोनारी व लगधपुरपुर।

खुटहन: शेखअशरकपुर, कबरीद्दीनपुर व महमदपुर।

बरसठी: निगोह, गोपालपुर, खुआंवा, खड़वाधावा।

धर्मापुर: कुरेथू, राजेपुर, पिलखिनी।

डोभी: सिधौनी, मुरखा।

मड़ियाहूं: घरौंसा, राजमलपुर, राजापुर-एक, सोईथा, मलसिल, रईया, औरैला।

शाहगंज: कौड़िया, सैद गोरारी, शाहापुर, गोड़िला, पक्खनपुर, खजौरा, गोल्हादौर, सुरिश, बारा।

सिकरारा: ताहिरपुर, फूलपुर, हशनपुर, उचौरा, पांडेयपुर, कलवारी, शब्बेपुर। बोले अधिकारी..

कई बार कहने के बाद भी संबंधित ग्राम पंचायतों की ओर से मनरेगा के तहत श्रमिकों को रोजगार मुहैया नहीं कराया गया। यह गलत प्रवृत्ति है, जिसे गंभीरता से लेते हुए ग्राम प्रधानों के वित्तीय अधिकार सीज करने को लेकर जिलाधिकारी को पत्र लिखा जा रहा है।

-भूपेंद्र सिंह, उपायुक्त, मनरेगा।


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