सैनिकों की मौत पर सभी की आंखें हुई नम
जम्मू-कश्मीर के पुलवामा में हुए आतंकी हमले को कायराना कृत्य बताते हुए समाज के बुद्धिजीवी तबके से जुड़े लोगों ने कड़ी भर्त्सना की है।
जागरण संवाददाता, जौनपुर: जम्मू-कश्मीर के पुलवामा में हुए आतंकी हमले को कायराना कृत्य बताते हुए समाज के बुद्धिजीवी तबके से जुड़े लोगों ने कड़ी भर्त्सना की है। वहां हुए आत्मघाती आतंकी हमले में 44 सैनिकों की मौत की खबर सुनकर सभी की आंखें नम हो गईं। सभी ने एक स्वर में कहा कि अब पाकिस्तान को उसी की भाषा में सबक सिखाने का वक्त आ गया है।
पूर्व सैनिक गिरिजा शंकर के पुत्र शिक्षक नेता राजेश कुमार ¨सह मुन्ना ने कहा कि सर्जिकल स्ट्राइक का साहस दिखा चुकी केंद्र सरकार को अब भारतीय सेना को ईंट का जवाब पत्थर से देने के लिए अविलंब खुली छूट दे देनी चाहिए।
कर्मचारी नेता राकेश कुमार श्रीवास्तव ने कहा कि देशवासियों का धैर्य अब जवाब दे चुका है। पूरा देश शहीद परिवार के साथ खड़ा है और वह चाहता है कि पाकिस्तान की नापाक हरकतों का ऐसा जवाब दिया जाए जिसे वह हमेशा-हमेशा के लिए याद रखने को मजबूर हो जाए।
चिकित्सक डा.अमरनाथ पांडेय ने कहा कि अब कुछ कहने का नहीं बल्कि कर दिखाने का समय आ गया है। हर परिस्थिति से निबटने में भारतीय सेना सक्षम है। जम्मू कश्मीर से आतंकवाद के समूल सफाए के लिए सरकार इच्छाशक्ति दिखाए और तुरंत कारगर रणनीति बनाकर प्रभावी अमल करे तभी देशवासियों का कलेजा ठंडा होगा।
केराकत क्षेत्र के व्यवसायी राजेश साहू ने नम आंखों व भर्राए गले से कहा कि अब तो भारतीय सैनिकों के इस तरह के शहीद होने की खबर सुनकर दिल तड़प उठता है। देश की आन-बान-शान इन सैनिकों की आत्मा को तभी शांति मिलेगी जब पाकिस्तान को उसके किए की सजा मिलेगी।