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पश्चिमी विक्षोभ का असर, मौसम का बदला मिजाज

मौसम का मिजाज मंगलवार को अचानक बदल गया। सुबह बूंदाबादी के साथ दिनभर आसमान में बादल छाए रहे। बुधवार को भी दिन भर बादलों की लुकाछिपी चलती रही।

By JagranEdited By: Published: Wed, 29 Jan 2020 05:13 PM (IST)Updated: Wed, 29 Jan 2020 05:13 PM (IST)
पश्चिमी विक्षोभ का असर, मौसम का बदला मिजाज
पश्चिमी विक्षोभ का असर, मौसम का बदला मिजाज

जागरण संवाददाता, जौनपुर: मंगलवार से बदला मौसम का मिजाज बुधवार को भी बना रहा। मंगलवार की सुबह बूंदाबादी के साथ दिनभर आसमान में बादल छाए रहे। बुधवार को भी दिनभर बादलों की लुकाछिपी चलती रही। लगातार तापमान में हो रहे उतार-चढ़ाव के कारण दलहनी व तिलहनी फसलों में रोग का खतरा बढ़ गया है। हालांकि गेहूं के लिए यह बारिश लाभकारी है। मौसम विज्ञानी के अनुसार पश्चिमी विक्षोभ के चलते यह परिवर्तन आया है।

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दो दिन खिली धूप से जनमानस को ठंड से जहां राहत मिली वहीं फसलों को भी फायदा हुआ लेकिन मंगलवार को अचानक बदलाव आ गया। सर्द हवाओं के कारण पुन: ठंड लौट आई वहीं दिनभर आसमान बादलों से घिरा रहा। कृषि विज्ञान केंद्र के मौसम विज्ञानी डा. पंकज जायसवाल ने बताया कि 30 जनवरी तक रिमझिम बारिश व आसमान में बादल छाये रहने की भी संभावना है। हवाओं की गति बढ़ सकती है। अधिकतम तापमान 23 डिग्री व न्यूनतम 12 डिग्री सेल्सियस रहा। बारिश एक मिलीमीटर रिकार्ड की गई। हवाएं दक्षिण पश्चिम दिशा की ओर आठ किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से चलीं। फसल सुरक्षा वैज्ञानिक डा. संदीप कुमार ने कहा कि यह मौसम गेहूं की फसल के लिए तो फायदेमंद है लेकिन अरहर, सरसों, मटर व आलू की फसल में रोग लगने का खतरा बढ़ गया है। तापमान में उतार-चढ़ाव के कारण सरसों में माहो कीट का प्रकोप हो सकता है। बड़े पौधे व किनारे से कीटों का लगना शुरू होता है। प्रारंभिक सुरक्षा के लिए पीले रंग का स्टीकी ट्रैप बांस में लगाकर गाड़ दें। प्रकोप बढ़ने इमिडा क्लोप्रिड आधा एमएल प्रति लीटर पानी में घोल बनाकर छिड़काव करें। वहीं इस मौसम में आलू की फसल में झुलसा रोग की चपेट में हैं। बचाव के लिए एक ग्राम कार्बेंडाजिम व दो ग्राम रिडोमिल प्रति लीटर पानी में घोल बनाकर छिड़काव करें। इसके अलावा मटर की फसल में गेरूई रोग तेजी से लग रहा है। किसान प्रोपीकोनाजोल दो मिलीमीटर प्रति लीटर पानी में घोल बनाकर छिड़काव करें।


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