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जार्च लेने के लिए जिलाधिकारी को करना पड़ा इंतजार

नवागत जिलाधिकारी दिनेश कुमार सिंह ने देर रात 1130 बजे के करीब कलेक्ट्रेट परिसर स्थित कोषागार में कार्यभार ग्रहण किया। इस दौरान उनके आगवानी को कोई भी अधिकारी के उपस्थित न रहने पर नाराज दिखे। सूचना पर काफी देर बाद हाफते हुए अधिकारी पहुंचे तो उनकी क्लास लगाई। ऑफिस पत्र पर हस्ताक्षर करने के लिए उनको कलेक्ट्रेट कार्यालय के बाहर देररात करीब 20 मिनट तक इंतजार करना पड़ा। चाफी गुम होने पर उसकी तलाश में अधिकारी व कर्मचारी हाफते रहे।

By JagranEdited By: Published: Thu, 17 Oct 2019 04:35 PM (IST)Updated: Thu, 17 Oct 2019 04:35 PM (IST)
जार्च लेने के लिए जिलाधिकारी को करना पड़ा इंतजार
जार्च लेने के लिए जिलाधिकारी को करना पड़ा इंतजार

जागरण संवाददाता, जौनपुर : नवागत जिलाधिकारी दिनेश कुमार सिंह ने देर रात लगभग 11.30 बजे कलेक्ट्रेट स्थित कोषागार में  कार्यभार ग्रहण किया। इस दौरान आगवानी को कोई भी अधिकारी के न रहने पर नाराज दिखे। सूचना पर काफी देर बाद हांफते हुए अधिकारी पहुंचे तो उनकी क्लास लगाई। वहीं आफिस पत्र पर हस्ताक्षर करने के लिए उनको कलेक्ट्रेट कार्यालय के बाहर देररात करीब 20 मिनट तक इंतजार करना पड़ा। चाबी न मिलने पर तलाश में अधिकारी व कर्मचारी हांफते रहे।

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देर रात जब डीएम कोषागार कार्यालय पहुंचे तो मुख्य कोषाधिकारी सुनील कुमार के साथ सीधे स्ट्रांग रूम में पहुंचकर डबल लाक रजिस्टर पर हस्ताक्षर किया। स्टाक के बारे में पूछताछ की। कार्यालय पत्र पर हस्ताक्षर के लिए ओएसडी को ढूंढ़ने लगे। जहां कोई नहीं मिला। वह किसी अधिकारी व स्टोनो के न पहुंचने को लेकर गुस्से में दिखे। जब ओएसडी पहुंचे तो फटकार लगाई। आफिस पत्र पर हस्ताक्षर करने के लिए कार्यालय में जाने की बात कही। फिर पैदल ही कोषागार से अपने कार्यालय चल दिये। इस दौरान उन्होंने कलेक्ट्रेट भवन के बारे जानकारी ली। वहां उन्हें कार्यालय खुलने के लिए 20 मिनट तक चाबी न होने के कारण टहलते हुए इंत•ार करना पड़ा। स्टोनो से पूछा कि जब सबको जानकारी थी तो सारे उच्च अधिकारी कहा हैं और कार्यालय का ताला क्यों नहीं खोला गया। कलेक्ट्रेट में कोई चौकीदार भी नहीं दिख रहा है। सारे लोग लापरवाह हैं। करीब आधा घंटे बाद मुख्य विकास अधिकारी, अपर जिलाधिकारी, मुख्य राजस्व अधिकारी व सभी उपजिलाधिकारी अधिकारी एक साथ पहुंचे। एक-एक फूल देकर सभी ने अपना परिचय दिया। बातचीत में उन्होंने बताया कि वह 1986 बैच के पीसीएस अधिकारी व 2005 कैडर के आइएएस हैं। इससे पहले वह सोनभद्र, मुजफ्फरनगर, बदायूं के बाद जिलाधिकारी के रूप में यह उनका चौथा जिला है। शासन की प्राथमिकता के हिसाब से कार्य करना उनकी प्राथमिकता होगी। शासन की नीतियों को पूर्णरूप से लागू कर गरीब व पात्रों तक पहुंचाना उद्देश्य होगा। नवागत जिलाधिकारी  बंदायू जनपद से स्थानांतरित होकर आए हैं। गुरुवार की सुबह कर्मचारी नेता शिव मोहन श्रीवास्तव के नेतृत्व में कर्मचारियों ने डीएम को पुष्पगुच्छ भेंटकर स्वागत किया।


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