55 हजार लेकर 24 घंटे बाद स्वजनों को सौंपा शव
संवेदनहीनता की हद हो गई है। सांड़ के हमले में घायल वृद्ध की इलाज के दौरान मौत के बाद भुगतान की मांग को लेकर रोका गया शव अस्पताल प्रशासन ने 24 घंटे बाद तभी स्वजनों के हवाले किया जब उन्होंने 55 हजार रुपया जमा किए। शुक्रवार की देर रात शव घर पहुंचने पर कोहराम मच गया। पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम को भेज दिया।
जागरण संवाददाता, सिकरारा (जौनपुर): संवेदनहीनता की हद हो गई है। सांड़ के हमले में घायल वृद्ध की इलाज के दौरान मौत के बाद भुगतान की मांग को लेकर रोका गया शव अस्पताल प्रशासन ने 24 घंटे बाद तभी स्वजनों के हवाले किया जब उन्होंने 55 हजार रुपया जमा किए। शुक्रवार की देर रात शव घर पहुंचने पर कोहराम मच गया। पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम को भेज दिया।
बांकी गांव निवासी बड़े लाल सिंह (70) मंगलवार की रात सांड़ के हमले में गंभीर रूप से घायल हो गए थे। स्वजनों ने उन्हें वाराणसी में शिवपुर बाईपास के पास एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया था। गुरुवार को इलाज के दौरान उनकी मौत हो गई। अस्पताल प्रशसन ने 48 घंटे किए गए इलाज का बिल करीब एक लाख पांच हजार बना दिया। पता चलने पर स्वजन घबरा गए। इतने रुपये उनके पास थे नहीं। लगभग 30 हजार रुपये वे पहले ही जमा कर चुके थे। बाकी रकम दे पाने में असमर्थता जताते हुए शव अंत्येष्टि के लिए सौंपने का आग्रह किया तो अस्पताल प्रशासन ने इन्कार कर दिया। परिजन पूरी रात गिड़गिड़ाते रहे लेकिन अस्पताल प्रशासन का दिल नहीं पसीजा।
मृतक के स्वजनों ने शुक्रवार को जिलाधिकारी दिनेश कुमार सिंह, सीडीओ व बीडीओ से फोन भी कराया लेकिन अस्पताल प्रशासन ने एक नहीं सुनी। कई संभ्रांतजन व राजनीतिक दलों से जुडे़ लोगों के बार-बार आग्रह करने पर भी रात करीब दस बजे शव तभी स्वजनों को सौंपा जब उन्होंने इंतजाम कर और 25 हजार रुपये जमा किए। शुक्रवार की देर रात शव घर पहुंचा तो कोहराम मच गया। पूना में नौकरी करने वाला मृतक का छोटा पुत्र देवानंद भी रात में घर आ गया। शनिवार सुबह थाने में तहरीर दी। पुलिस ने शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया। वृद्ध पर हमला करने वाले सांड़ को ब्लाक के पशु चिकित्सा अधिकारी मनोज यादव ने सहयोगियों की मदद से पकड़वाकर चांदपुर गोशाला में भेज दिया।