1563 गांवों में हुआ आबादी का सर्वे, शेष में जारी
आबादी की भूमि के सर्वे का काम जिले में तेजी से चल रहा है ताकि भूमि का चिह्नांकन कर उसके स्वामित्व की घरौनी का वितरण किया जा सके और भूमि को लेकर होने वाले विवाद को भी खत्म किया जा सके।
जागरण संवाददाता, जौनपुर : आबादी की भूमि के सर्वे का काम जिले में तेजी से चल रहा है, ताकि भूमि का चिह्नांकन कर उसके स्वामित्व की घरौनी का वितरण किया जा सके और भूमि को लेकर होने वाले विवाद को भी खत्म किया जा सके। तीन तहसीलों में सर्वे का कार्य पहले ही लगभग पूरा हो गया है। तीन में चल रहा है। यह सर्वे स्वामित्व योजना के तहत ड्रोन से सर्वे आफ इंडिया कर रही है। 2432 गांवों का सर्वे किया जाना है, इसमें से 1563 का सर्वे हो चुका है। जिन तहसीलों व गांवों का सर्वे बाकी है वहां तेजी से चल रहा है।
मड़ियाहूं, मछलीशहर व सदर तहसील के 1138 गांवों का सर्वे हो चुका है। इसके अलावा बदलापुर, केराकत, शाहगंज तहसील के गांवों का सर्वे होना बाकी है। पंचायती राज मंत्रालय से संचालित नवीनतम ड्रोन प्रौद्योगिकी के उपयोग से ग्रामीण आबादी वाले क्षेत्रों का सर्वे कर उनका स्वामित्व संबंधी अभिलेख तैयार किया जा रहा है। राज्य सरकार ने इसके लिए अधिसूचित गांवों का ही चयन किया है। पहले राउंड में सरकारी भवन, स्कूल, अस्पताल, पुलिस स्टेशन, सामुदायिक भवन आदि भवनों को कैमरे से कैद करके आनलाइन किया जाएगा। इसके बाद व्यक्तिगत संपत्तियों, सरकारी संपत्ति, ग्रामसभा की भूमि, सड़कें, खुले भूखंड आदि की पहचान और सर्वेक्षण किए जाने वाले संपत्ति क्षेत्रों के सीमाओं का चिह्नांकन चूना छिड़क कर किया जाता है। विवादित संपत्तियों को दोहरी चूना लाइन से दर्शाया जाता है। सर्वेक्षण के समय शांति व्यवस्था के लिए आवश्यकतानुसार पुलिस बल की उपस्थिति सुनिश्चित की जाती है। 1010 राजस्व गांवों में नहीं होगा सर्वे
जिले के कुल 3442 राजस्व गांवों में से 2432 गांवों में ही सर्वे किया जाना है। इसमें 1605 गांवों का नाम व अन्य जानकारियां फीड कर दी गई हैं। इसमें से 1010 राजस्व गांवों में सर्वे नहीं किया जाएगा। जिन गांवों में सर्वे नहीं होगा, वह गैर आबादी वाले गांव हैं या फिर वहां चकबंदी चल रही है। इसे सभी तहसीलों के एसडीएम व तहसीलदार को गांव के सर्वे को तैयार करके देना है। बोले जिम्मेदार..
स्वामित्व योजना के तहत आबादी वाली भूमि में बने घर व जमीन का सर्वे कराया जा रहा है। अभी तक 1563 राजस्व गांवों का सर्वे हो चुका है। पहले चरण में तीन तहसीलों को लिया गया था, इसके बाद अन्य तहसीलों में सर्वे कराया जा रहा है। इसका मुख्य उद्देश्य है कि रिहायशी भूमि के विवाद को खत्म किया जाए। आबादी वाले जमीन पर जो रह रहा है उनका नाम चढ़ाकर उनको घरौनी दे दी जाए।
-रजनीश राय, अपर जिलाधिकारी भू-राजस्व।