पराली जलाने वालों पर होगी सख्त कार्रवाई, नहीं मिलेगा अनुदान
जागरण संवाददाता जौनपुर मुख्य सचिव राजेंद्र तिवारी ने पराली जलाने की घटनाएं पकड़ में आने
जागरण संवाददाता, जौनपुर : मुख्य सचिव राजेंद्र तिवारी ने पराली जलाने की घटनाएं पकड़ में आने के बाद जौनपुर समेत प्रदेश के 25 जिलों के जिलाधिकारियों से स्पष्टीकरण मांगा गया है। इसको लेकर जिलाधिकारी दिनेश कुमार सिंह ने सख्ती बरतते हुए सभी किसानों से फसल के अवशेष खेतों में न जलाने का आग्रह किया है। इसके साथ ही ऐसा करते हुए पकड़े जाने पर संबंधित किसान के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी और उसको अनुदान भी नहीं दिया जाएगा।
जिलाधिकारी दिनेश कुमार सिंह ने कहा है कि मुख्य सचिव के निर्देश पर फसल का अवशेष जलाए जाने से उत्पन्न हो रहे प्रदूषण की रोकथाम के लिए जागरूकता अभियान चलाया जा रहा है, इसके लिए जनपद स्तर पर एक सेल का गठन अपर जिलाधिकारी वित्त एवं राजस्व के यहां होगी। जहां पर प्रत्येक दिन की घटनाओं की सुनवाई किए जाने व प्रत्येक गांव के ग्राम प्रधान, क्षेत्रीय लेखपाल एवं कृषि विभाग के समस्त कर्मचारियों को किसी भी दशा में पराली न जलाने की घटना रोकने को अपने-अपने क्षेत्रों में कार्रवाई करेंगे। राष्ट्रीय हरित अधिकरण (एनजीटी) के आदेश के अनुसार फसल अवशेष को जलाना एक दंडनीय अपराध है। इससे होने वाली क्षति की वसूली में दो एकड़ से कम क्षेत्रफल पर 2500 रुपये और दो एकड़ से पांच एकड़ के लिए 5000 और 5 एकड़ से ऊपर के क्षेत्रफल के लिए 15000 रुपये तक का दंड लगाकर वसूली किए जाने के निर्देश है। फसल अवशेष जलाने की पुनरावृत्ति होने पर संबंधित कृषक के विरुद्ध कारावास, अर्थदंड की व्यवस्था के साथ ही कृषि विभाग द्वारा दी जाने वाली अनुदान की धनराशि बंद कर दी जाएगी।