अटकलों पर लगा विराम
शुक्रवार की रात करीब साढ़े नौ बजे तब अचानक शहर सहित पूरे जिले का माहौल बदल गया जब टेलीविजन के सभी खबरिया चैनलों पर यह दिखाया जाना लगा कि सर्वोच्च न्यायालय शनिवार को सवेरे श्रीराम जन्मभूमि अयोध्या के बारे में फैसला सुनाएगा।
जागरण संवाददाता, जौनपुर: अयोध्या पर आने वाले फैसले को लेकर चल रही अटकलों पर शनिवार को विराम लग गया। शीर्ष अदालत के फैसले का जनपदवासियों ने स्वागत करते हुए गंगा-जमुनी तहजीब की मिसाल पेश की जबकि देखा जाय तो
शुक्रवार की रात करीब साढ़े नौ बजे जैसे ही फैसले की जानकारी हुई पुलिस व प्रशासन की सक्रियता से पूरा नजार ही बदल गया और चर्चाओं का बाजार गर्म हो गया।
रात से ही टेलीविजन के सभी चैनलों पर यह दिखाया जाना लगा कि सर्वोच्च न्यायालय शनिवार को सबेरे अयोध्या मामले पर फैसला सुनाएगा। फैसले के बाद की स्थिति का आंकलन करते हुए लोग सब्जी व रोजमर्रा की जरुरत के सामान खरीदने के लिए बाजारों का रुख कर लिये। देररात तक दुकानें खुली रहीं और प्रशासन भी पूरी तरह चाक-चौबंद रहा।
रात करीब दस बजे सब्जी मंडी में इस कदर भीड़ उमड़ पड़ी कि पुलिस को मोर्चा संभालकर लोगों को खदेड़ना पड़ा। बड़ी मस्जिद, मुफ्ती मोहल्ला, पुरानी बाजार, सिपाह की मुस्लिम बस्तियों में देररात तक दुकानें खुली रहीं और लोगों ने आटा, चावल, दाल, चीनी आदि खाद्यान्न अपनी क्षमता के हिसाब से अगले कुछ दिनों के लिए खरीद लिए। शनिवार को सूर्योदय से पहले ही सब्जी मंडी फिर गुलजार हो गई। मंडी के भीतर खरीदारों की भारी भीड़ से धक्का-धुक्की का नजारा दिखा। मंडी के भीतर तो नहीं लेकिन बाहर पुलिस बल को यातायात व्यवस्था संभालने में पसीने छूट गए। वहीं फैसले की घड़ी में हर तरफ स्थिति सामान्य दिखी। हालांकि सड़कों व प्रमुख बाजारों में भीड़ कम रही। बढ़ी गोभी की मांग और चढ़ गए दाम
खरीदारों के बढ़ने से सब्जी मंडी में आवक कम होने व मांग बढ़ जाने से गोभी के दाम अचानक चढ़ गए। पिछले करीब एक सप्ताह से जो गोभी दस रुपये में बिक रही थी वह बीस तो पच्चीस से तीस रुपये में बिकने वाली गोभी चालीस-पचास रुपये में बिकी। नया आलू 180 रुपये पसेरी (सात किलो), टमाटर 40 रुपये, हरी मिर्ची 24 रुपये, बैगन 20 से 30 रुपये, हरी मटर 140 रुपये, पालक 40 रुपये, शिमला मिर्च 60 रुपये, लहसुन 180 से 200 रुपये, प्याज 70 रुपये किलो बिका। आंखें खुलीं और गड़ गईं टीवी स्क्रीन पर
अयोध्या के बारे में सुप्रीम कोर्ट के बहु प्रतीक्षित फैसले को सुनने-जानने के लिए हर कोई बेताब दिखा। शुक्रवार की देररात तक घर-परिवार और चाय-पान की दुकानों या फिर जहां कहीं भी चार-छह लोग जुटे फैसले पर अटकलों के दौर में मशगूल हो गये। शनिवार की सुबह जागते ही लोगों की नजरें टेलीविजन के खबरिया चैनलों पर टिक गईं। अदालत की कार्रवाई शुरू होने से पहले ही चैनलों पर बहस और बयानबाजी होने लगी। सीजेआइ की अध्यक्षता वाली पांच न्यायमूर्ति की संविधान पीठ का फैसला जैसे-जैसे साफ होता गया वैसे-वैसे लोगों की जिज्ञासा शांत होती गई। बाजारों में नहीं दिखी आमदिनों जैसी रौनक
शनिवार को फैसले के चलते बाजारों में आमदिनों जैसी रौनक नहीं दिखी। शांति व्यवस्था को लेकर आशंकित अधिकतर कारोबारियों ने अपनी दुकानें व प्रतिष्ठान नहीं खोले। बहुतेरे लोग बहुत जरूरी होने पर ही घरों से बाहर निकले। नतीजतन बाजारों में सियापा नहीं तो सामान्य दिनों जैसी भीड़-भाड़ भी नहीं दिखी। इसकी वजह यह भी रही कि जिला प्रशासन ने स्कूल-कालेज एहतियात के तौर पर सोमवार तक के लिए बंद रखने के आदेश जारी कर दिए थे। महीने का द्वितीय शनिवार होने के नाते अधिकतर सरकारी व अर्द्धसरकारी दफ्तर व बैंक भी बंद रहे। ऐसे माहौल में गांवों से भी लोग नहीं आए। शहर के व्यस्ततम कोतवाली चौराहा, सुतहटी बाजार, ओलंदगंज, हरलालका रोड, अटाला, नवाव युसुफ रोड, कसेरी बाजार, सिविल लाइन, नखास, जहांगीराबाद, जेसीज चौराहा, टीडी कालेज रोड, वाजिदपुर तिराहा, पॉलीटेक्निक चौराहा जैसे इलाकों में भी रोजाना की तरह चहल-पहल नहीं रही।