धीमी गति से निर्माण, ओवरब्रिज में बना बाधा
जिले की महत्वाकांक्षी योजनाओं में से एक नगर के सिटी स्टेशन रेलवे क्रा¨सग पर फ्लाई ओवर है। यह धीमी गति से निर्माण के चलते अधर में लटकता दिखाई पड़ रहा है।
जागरण संवाददाता जौनपुर : जिले की महत्वाकांक्षी योजनाओं में से एक नगर के सिटी स्टेशन रेलवे क्रा¨सग पर फ्लाई ओवर है। यह धीमी गति से निर्माण के चलते अधर में लटकता दिखाई पड़ रहा है। कार्य में शिथिलता के कारण दो बार समयावधि तक बढ़ानी पड़ी। इसमें कभी कोर्ट का विवाद तो कभी बजट के कारण भी काम रुकता रहा। कुल मिलाकर चार साल से मिर्जापुर-जौनपुर का यह राजमार्ग बंद है। यात्रियों की सुविधा के लिए तैयार होने वाला यह ओवरब्रिज वर्तमान में परेशानी का सबब बना हुआ है।
अगस्त 2014 में शुरू हुए इस कार्य को जून 2019 में पूरा होना है। यह परियोजना 49 करोड़ 82 लाख 95 हजार रुपये की है। समय से कार्य पूरा न होने के कारण लोगों को काफी मुश्किलें हो रही है। रेलवे लाइन के दोनों तरफ पुल निर्माण की जिम्मेदारी कार्यदायी संस्था सेतु निर्माण निगम को दी गई है। इसमें 80 फीसद कार्य सेतु निगम को व 20 फीसद कार्य रेलवे विभाग को कराना है। सेतु निगम का कार्य 24 करोड़ 52 लाख की लागत से होना है। विभाग की मानें तो 80 फीसद के काम में से 62 फीसद कार्य हो चुका है। इसपर करीब 22 करोड़ रुपये खर्च हुआ। इसमें वायाडक्ट, आरई वॉल का कार्य हो गया है। अभी रेलवे का वायाडक्ट नहीं हुआ है। अभी रेलवे अपना कार्य कर लेगा, उसके बाद ही दोनों तरफ के साइड का बीम का काम होगा। रेलवे का फाउंडेशन का कार्य केवल हो सका है। शुरुआत में कार्य पूरा करने का समय मार्च 2018 था। कार्य में धीमी प्रगति को देखते हुए इसको पहले मार्च 2019 किया गया फिर जून 2019 में पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है।
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ये कार्य अभी तक हैं अधूरे -रेलवे विभाग की तरफ से पीयर कैब, गर्डर का कार्य होना बाकी है। वहीं सेतु निगम द्वारा आरीवाल, सर्विस रोड का काम होगा।
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घटना बनी बाधा -एक नवंबर 2016 को निर्माणाधीन ओवरब्रिज का बीय¨रग पैड शाम को अचानक धराशायी हो गया। मलबे की चपेट में आने से मौके पर मौजूद गाजीपुर निवासी तीन श्रमिक घायल हो गए। सेतु निर्माण निगम के अवर अभियंता की तहरीर पर लाइन बाजार पुलिस ने ठेकेदार के खिलाफ केस दर्ज किया था।
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यहां पर कार्य है रुका :-जौनपुर की तरफ आरीवाल का काम बीच में ही रुक गया। वजह कि एक हास्पिटल प्रबंधक द्वारा मामले को कोर्ट ले जाया गया। जिस कारण भी काफी दिनों का कार्य रुका रहा। कुछ दिनों तक मामला कोर्ट में चला। समझौते के तहत किसी तरह मामला शांत हुआ। ऐसे में चिकित्सालय की दीवार अभी आठ फीट पीछे जाएगी, इसके बदले में अस्पताल आने-जाने का रास्ता दिया जाएगा।
एक नजर में
-695 मीटर का ओवरब्रिज
-80 फीसद कार्य सेतु निगम
-20 फीसद रेलवे विभाग
-सेतु निगम की लागत 24.52 करोड़ रुपये
-रेलवे के निर्माण कार्य पर 7.87 करोड़ रुपये
-पीडब्लूडी बाईपास निर्माण 16.88 करोड़ रुपये
-यूटीलिटी शि¨फ्टग पर 55 लाख रुपये
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निर्धारित समय पर काम पूरा करने का होगा प्रयास
-इस बाबत सेतु निगम के उप परियोजना प्रबंधक रोहित मिश्रा ने बताया कि ओवरब्रिज निर्माण की समयावधि दो बार बढ़ाई गई है। जून 2019 तक कार्य पूरा करा लिया जाएगा। हालांकि बीच में विवाद होने के कारण मामला कोर्ट पहुंच गया था। सबकुछ सुलझ गया है। फिलहाल काम चल रहा है। शासन स्तर पर लखनऊ में बजट आया हुआ है। बचे हुए शेष निर्माण कार्य को कराया जा रहा है।