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सेना की कार्रवाई पर सुबूत मांगने वाले मुंह की खाएंगे

मतदान की तारीख नजदीक आने के साथ ही चुनावी माहौल गरमा गया है। आलम यह है कि बाजारों से लेकर चौराहों पर प्रत्येक दल के समीकरण बनते बिगड़ते नजर आ रहे हैं। चुनावी महफिल गांव के चौराहों के अलावा सफर में भी सज रही है। शनिवार को जागरण के एलेक्शन ट्रेवेल्स टीम ने जमालपुर से रसैना तक का सफर किया जहां हर स्टॉपेज पर चुनावी समीकरण बदलता नजर आया। सुबह सात बजे जमालपुर स्टैंड पर पता चला कि बस 10 मिनट में रसैना के लिए रवाना होगी।

By JagranEdited By: Published: Mon, 15 Apr 2019 07:22 PM (IST)Updated: Tue, 16 Apr 2019 06:10 AM (IST)
सेना की कार्रवाई पर सुबूत मांगने वाले मुंह की खाएंगे
सेना की कार्रवाई पर सुबूत मांगने वाले मुंह की खाएंगे

अनिल सिंह रामपुर (जौनपुर): मतदान की तारीख नजदीक आने के साथ ही चुनावी माहौल गरमा गया है। आलम यह है कि बाजारों से लेकर चौराहों पर प्रत्येक दल के समीकरण बनते बिगड़ते नजर आ रहे हैं। चुनावी महफिल गांव के चौराहों के अलावा सफर में भी सज रही है। शनिवार को जागरण के इलेक्शन ट्रेवेल्स टीम ने जमालपुर से रसैना तक का सफर किया, जहां हर स्टॉपेज पर चुनावी समीकरण बदलता नजर आया। सुबह सात बजे जमालपुर स्टैंड पर पता चला कि बस 10 मिनट में रसैना के लिए रवाना होगी। तब तक बस में सवार होने के लिए क्षेत्र के कई किसान समेत अन्य लोग पहुंच चुके थे। बस में जगह होने के बाद भी लोग धक्का-मुक्की करते हुए सवार हुए। बस थोड़ी दूर चलते ही चुनावी चर्चा ने रफ्तार पकड़ ली। सर्जिकल स्ट्राइक से शुरू हुई बात एयर स्ट्राइक व नोटबंदी तक पहुंची। बात निकलते ही असर दूर तक गया। देखते ही देखते यात्री दो पक्षों में बट गए। सेवानिवृत्त कर्मचारी भीम सिंह ने कहा कि पाकिस्तान को अभीतक यदि किसी ने सबक सिखाया तो वह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ही हैं। उन्होंने एयरफोर्स के पराक्रम की भी सराहना की। कहा कि सेना की कार्रवाई पर सुबूत मांगने वाले मुंह की खाएंगे। इसी दौरान फल व्यवसायी मुन्ना ने कहा कि भाजपा ने सभी वर्गों का ध्यान दिया। उन्होंने कहा कि उज्जवला व प्रधानमंत्री आवास जैसी सुविधाएं किसी खास वर्ग को नहीं बल्कि सभी को मिली। इतना सुनते ही ओंकार बोल पड़े। उन्होंने कहा कि जब सेना ने इतनी बड़ी कार्रवाई की तो उसे दिखाने में क्या हर्ज है। ओंकार ने आगे कहा कि गरीबों को आज तक खाते में 15 लाख रुपये आने का इंतजार है। बात बढ़ते हुए गठबंधन तक पहुंच गई। प्रियंक वर्मा ने गठबंधन पर चुटकी ली। कहा कि जब विपक्षियों को अपने पर इतना ही विश्वास था तो अपने बूते पर चुनाव क्यों नहीं लड़ा। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री सभी मोर्चें पर न सिर्फ सफल हुए हैं, बल्कि भारत का नाम विश्व में उंचा किया है। इतना सुनते ही मंगत राम ने कहा कि आप लोग ये क्यों भूल जाते हैं कि भाजपा ने भी कई पार्टियों से समझौता किया है। कुल मिलाकर इस 17 किलोमीटर सफर के हर स्टॉपेज पर चुनावी समीकरण बनता-बिगड़ता रहा। अब किसको क्या मिलेगा इसका फैसला मतगणना के बाद ही होगा।

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