आजादी के बाद जनता का क्रांतिकारी अधिकार है आरटीआइ
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जागरण संवाददाता, बरईपार (जौनपुर): आम जनता को यह जानने का अधिकार है कि उसके टैक्स का पैसा जो सरकार के पास है, कहां खर्च कर रही है। यह जनता को सरल, सहज, सुलभ कम खर्च में दिया गया अधिकार है। इस अधिकार के तहत यह मंशा है कि जनता नीति नियंता से जिम्मेदारी से पूछ सके कि पैसा कहां, कितना व कब खर्च हुआ। यह बातें पूर्व डीजी व वर्तमान में राज्य सूचना आयुक्त प्रमोद कुमार तिवारी ने कही। वह गुरुवार को शाहपुर गांव में अपने घर निजी कार्यक्रम में आए हुए थे।
उन्होंने बताया कि लोकतंत्र में शिक्षित नागरिक वर्ग ऐसी सूचना की पारदर्शिता की अपेक्षा करता है जो भ्रष्टाचार रोकने के लिए और सरकारों तथा उनके परिकरणों को शासन के प्रति उत्तरदायी बनाने के लिए अनिवार्य है। वास्तविक व्यवहार में सूचना के प्रकटन से संभवत: अन्य लोकहितों, जिनके अंतर्गत सरकारों के दक्ष प्रचालन, सीमित राज्य वित्तीय संशाधनों के अधिकतम उपयोग और संवेदनशील सूचना की गोपनीयता को बनाए रखना भी है। लोकतंत्रात्मक आदर्श की प्रभुता बनाये रखते हुए इन विरोधी हितों के बीच सामंजस्य बनाना आवश्यक है। पैसा जो किसी कार्यक्रम योजना या उनके हित में कहां तक लगाया गया इस मंशा से नीति नियंताओं को जिम्मेदारी से पूछ सके कि यह अधिकार राज्य सूचना अधिकार के तहत आम जनता को दिया गया है। इसके लिए वह दस रुपये नकद या पोस्टल आर्डर लगाकर सूचना ले सकता है। लोकतंत्र शिक्षित नागरिक वर्ग तथा ऐसी सूचना की पारदर्शिता की अपेक्षा करता है जो भ्रष्टाचार रोकने के लिए और सरकारों तथा उनके प्रकरणों को शासन के प्रति उत्तरदाई बनाने के लिए अनिवार्य है।