अल्टीमेटम के बाद भी दुरुस्त नहीं हो सकीं सड़कें
गड्ढामुक्ति अभियान के तहत सड़कों को दुरुस्त करने का नवंबर तक का समय दिया गया था। बावजूद अभी तक तमाम स्थानों पर सड़कें गड्ढामुक्त नहीं हो सकी है। सबसे खराब स्थिति संपर्क मार्गों की है। सड़कों की समीक्षा के बाद कोहरा शुरू होने से पहले हर हाल में सड़कों को दुरुस्त करने के निर्देश में अभी तक तकरीबन 20 फीसद सड़कें गड्ढे में तब्दील है जिससे मुसाफिरों को बेहद मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है। मुख्यालय की ओर से जारी निर्देश में सड़कें नई पद्धति से बनाने को कहा गया है। राष्ट्रीय राजमार्ग की भी सड़कें जगह-जगह से टूटी होने की वजह से आए दिन वाहन सवार दुर्घटना के शिकार हो रहे हैं। पूर्व में बरसात की वजह से निर्माण के अधिकतर कार्यों को रोक दिया गया था। नगर में तो सड़कों की पैचिग तो कर दी गई लेकिन तमाम स्थानों पर संपर्क मार्ग नहीं सुधर सके।
जागरण संवाददता, जौनपुर: गड्ढामुक्ति अभियान के तहत सड़कों को दुरुस्त करने का नवंबर तक का समय दिया गया था। बावजूद अभी तक तमाम स्थानों पर सड़कें गड्ढामुक्त नहीं हो सकी हैं। सबसे खराब स्थिति संपर्क मार्गों की है। सड़कों की समीक्षा के बाद कोहरा शुरू होने से पहले हर हाल में सड़कों को दुरुस्त करने के निर्देश में अभी भी तकरीबन 20 फीसद सड़कें गड्ढे में तब्दील है, जिससे मुसाफिरों को बेहद मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है।
मुख्यालय की ओर से जारी निर्देश में सड़कें नई पद्धति से बनाने को कहा गया है। राष्ट्रीय राजमार्ग की भी सड़कें जगह-जगह से टूटी होने की वजह से आए दिन वाहन सवार दुर्घटना के शिकार हो रहे हैं। पूर्व में बरसात की वजह से निर्माण के अधिकतर कार्यों को रोक दिया गया था। नगर में सड़कों की पैचिग तो कर दी गई, लेकिन तमाम स्थानों पर संपर्क मार्ग नहीं सुधर सके।
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873 किलोमीटर सड़कों का हुआ नवीनीकरण: अभी तक 873 किलोमीटर सड़कों का नवीनीकरण किया गया, जबकि 950 किलोमीटर सड़कों को दुरुस्त किया गया।
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बजट की रही कमी
जर्जर सड़कों को दुरुस्त करने के लिहाज से पीडब्ल्यूडी की ओर से साढ़े पांच करोड़ रुपये की मांग की गई थी और मिला महज 1 करोड़ 38 लाख। पूर्ण रूप से सड़कें दुरुस्त नहीं होने की यह भी एक वजह रही।
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पीडब्ल्यूडी की सड़कें
कुल सड़कें: 3970
लंबाई: 6245
राजमार्ग: 263 किमी
प्रमुख जिला मार्ग: 93.65 किमी
ग्रामीण मार्ग: 4895 किमी
अन्य विकास मार्ग: 992.65 किमी
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स्टेट हाईवे के अलावा ग्रामीण मार्गों को प्राथमिकता के आधार पर दुरुस्त किया गया है। बजट की कमी की वजह से भी थोड़ी समस्या आई। अन्य टूटी सड़कें पहले से सूचीबद्ध है, जिन्हें जल्द ही दुरुस्त किया जाएगा।
राधाकृष्ण अधिशासी अभियंता, पीडब्ल्यूडी।