ऑनलाइन होगा रिकार्डरूम, क्रम से मिलेंगे अभिलेख
जनपद में अभिलेख पाने व देखने के लिए जरूरमंदों को परेशानी का सामना करना पड़ता था। रिकार्ड रूम का आम आदमी चक्कर काटने के लिए मजबूर था और पहुंच वाले कामयाबी हासिल कर ले रहे थे। जनता की समस्याओं को देखते हुए जिलाधिकारी अरविद मलप्पा बंगारी द्वारा पहल की गई है। रिकार्डरूम को ऑन लाइन किया जा रहा है। यहां आवेदकों को पहले आओ पहले पावो की तर्ज पर बुलाकर क्रमवार अभिलेख दिया जाएगा।
जागरण संवाददाता, जौनपुर: जनपद में अभिलेख पाने व देखने के लिए जरूरतमंदों को परेशानी का सामना करना पड़ता था। रिकार्ड रूम का आम आदमी चक्कर काटने के लिए मजबूर था और पहुंच वाले कामयाबी हासिल कर ले रहे थे। जनता की समस्याओं को देखते हुए जिलाधिकारी अरविद मलप्पा बंगारी द्वारा पहल की गई है। रिकार्डरूम को ऑन लाइन किया जा रहा है। यहां आवेदकों को पहले आओ, पहले पाओ की तर्ज पर बुलाकर क्रमवार अभिलेख दिया जाएगा।
कलेक्ट्रेट परिसर स्थित राजस्व अभिलेखागार में रोजाना सैकड़ों आवेदन आते हैं। इसके तहत बंदोबस्त, चकबंदी बंदोबस्त, फार्म-23, फार्म 41, 45, भू-मानचित्र, खसरा, खतौनी के पुराने अभिलेख के लिए आवेदन किए जाते हैं। यहां अभी तक मैनुअल प्रणाली के तहत लोग आवेदन करते हैं। जिसमें सामान्य अभिलेख की कॉपी के छह रुपये व अर्जेंट के 12 रुपये शुल्क लिए जाते हैं। ऐसे में विशेष सुविधा शुल्क देने वालों का काम जल्दी हो जाता था। इससे लोगों को काफी परेशानी होती थी। इसकी शिकायत जिलाधिकारी को मिली तो उन्होंने यहां कंप्यूटरीकृत प्रणाली शुरू कराई। साफ्टवेयर से लोगों का क्रम संख्या अंकित किया जाएगा। टोकन देकर उन्हें निर्धारित समय दिया जाएगा, जिसके बाद उनको अभिलेख की कॉपी दी जाएगी। इनसेट :-
राजस्व अभिलेखागार में अव्यवस्था को लेकर कम्प्यूटरीकृत सॉफ्टवेयर की व्यवस्था की जा रही है। इसके तहत आवेदन करने वालों को टोकन दे दिया जाएगा। जिससे निर्धारित समय पर उनको अभिलेख की कापी मिल सके। लोगों को किसी प्रकार की कोई परेशानी न हो। नई व्यवस्था 10-15 दिन में शुरू हो जाएगी।
अरविद मलप्पा बंगारी-जिलाधिकारी