तेजी से बढ़ रहे मनोरोगी, प्रमुख कारण बन रहा तनाव
'दैनिक जागरण' का लोकप्रिय कालम 'हैलो डाक्टर' सामयिकता के लिहाज से पाठकों के लिए मुफीद रहा। रविवार को मेहमान रहे मनोचिकित्सक डा. हरिनाथ यादव से न सिर्फ मानसिक बीमारियों से निजात के उपाय पूछे बल्कि अनिद्रा, अवसाद, आत्म हत्या, भूलने की बीमारी आदि से संबंधित प्रश्नों की झड़ी लगा दी। डा. यादव ने संजीदगी से उनकी समस्याओं को सुनकर परामर्श दिया। बताया कि तनाव के कारण मनोरोग तेजी से पांव पसार रहा है।
जागरण संवाददाता, जौनपुर: 'दैनिक जागरण' का लोकप्रिय प्रश्न-प्रहर' कार्यक्रम में रविवार को मेहमान रहे मनोचिकित्सक डा. हरिनाथ यादव से न सिर्फ मानसिक बीमारियों से निजात के उपाय पूछे बल्कि अनिद्रा, अवसाद, आत्महत्या, भूलने की बीमारी आदि से संबंधित प्रश्नों की लोगों ने झड़ी लगा दी। डा. यादव ने संजीदगी से उनकी समस्याओं को सुनकर परामर्श दिया। बताया कि तनाव के कारण मनोरोग तेजी से पांव पसार रहा है। सर्वे के अनुसार वर्तमान में 27 प्रतिशत लोग मानसिक बीमारी की चपेट में इनमें सात प्रतिशत को त्वरित उपचार आवश्यक है लेकिन बीमार 13 में एक का ही उपचार हो पा रहा है। यहीं रफ्तार रही तो 2025 तक यह बीमारी हृदयाघात को भी पीछे छोड़ देगा।
प्रस्तुत है प्रमुख सवाल व उनके जवाब:-
सवाल:-अवसाद के प्रारंभिक लक्षण क्या हैं? इससे कैसे बचा जा सकता है।
जवाब:- भागमभाग की ¨जदगी, अनियमित दिनचर्या के कारण हर पांचवां व्यक्ति अवसाद से ग्रसित है। पीड़ित 10.6 प्रति लाख आत्म हत्या कर ले रहे हैं। यह देश की सबसे बड़ी क्षति है। नींद न आना, भूल न लगना, घबराहट, चिड़चिड़ापन, अकेलापन आदि अवसाद के प्रमुख लक्षण हैं। ऐसे व्यक्ति को तुरंत मनोचिकित्सक से परामर्श लेकर उपचार आवश्यक होता है।
सवाल:-मेरा भाई इंटरमीडिएट में पढ़ता है। पढ़ाई को लेकर वह हमेशा तनाव में रहता है। इससे उसे कैसे मुक्ति मिलेगी।
जवाब:- शारीरिक, मानसिक व सामाजिक तीनों परिवेश तनाव के प्रमुख कारक होते हैं। समय रहते ध्यान न देने पर यह घातक साबित होता है। ऐसी स्थिति में मनोचिकित्सक से काउंसि¨लग के साथ दवा आवश्यक है।
सवाल:-मेरी उम्र 65 साल है। पिछले दो साल से भूलने की बीमारी बढ़ती जा रही है। इस पर कैसे नियंत्रण हो सकता है।
जवाब:-भूलने की बीमारी भी वर्तमान में तेजी से बढ़ रही है। यह बच्चे से लेकर हर उम्र के लोगों को प्रभावित कर रही है। एक तो उम्र बढ़ने के साथ ब्रेन की नसें सूखने लगती हैं। समय रहते कुशल चिकित्सक से उपचार कराने नसों को और सूखने और सिकुड़ने से रोका जा सकता है। दूसरा कारण अवसाद होता है। तनाव, ¨चता के कारण व्यक्ति की मनोस्थिति सही नहीं रह पाती और वह भूलने लगता है। यह हर आयु वर्ग को प्रभावित कर सकता है। लक्षण दिखने पर मनोचिकित्सक से संपर्क करें।
सवाल:- मेरे 12 साल की बेटी को मिर्गी
आती है। क्या बीमारी का इलाज है?
जवाब:-मिर्गी का लाइलाज बीमारी नहीं है। उपचार कराने पर 100 प्रतिशत ठीक हो जाती है। मस्तिष्क में गांठ, कीड़ी, दिमाग की नसों की कमजोरी आदि जांच कर ढाई से तीन साल तक उपचार कराना होता है।
सवाल:-मेरी पत्नी को चार साल से माइग्रेन की समस्या है। इसका क्या इलाज है।
जवाब:- माइग्रेन की समस्या लगभग 90 प्रतिशत लोगों में होती है। यह कई प्रकार का होता है। प्राथमिक माइग्रेन में एक साइड में फटने वाला तेज दर्द, चक्कर, उल्टी, मिचली आना, आंखों से कम दिखना, पानी आना आदि लक्षण हैं। यह चार से 72 घंटे तक रह सकता है। सेकेंड्री माइग्रेन में ¨चता, सिर में भारीपन, नींद न आना आदि है जबकि क्लस्टर हेडक में अचानक मस्तिष्क में क्षणिक तेज दर्द, सुई जैसा चुभना, आंख लाल होना आदि है। धूप से बचें, अत्यधिक शोर-गुल में न रहें, खाली पेट न रहें, ठंड व गर्म पदार्थों के सेवन से बचें। इन लोगों ने पूछे सवाल:-राहुल श्रीवास्तव, मनोज गुप्ता रुहट्टा, मंगेश कुमार नईगंज, दिलीप ¨सह डोभी, राम सकल यादव केराकत, सतीश गुप्ता जंघई, चंदन गुप्ता पिलकिछा, राकेश मिश्रा रामनगर मड़ियाहूं, सौरभ ¨सह खानापट्टी, बृजेश पांडेय मुफ्तीगंज, अजीत गिरि सुजानगंज आदि।