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किसानों की आय दो गुनी करने की योजना को लग रहा धक्का

-स्प्रिंकलर लगाने के नाम पर सरकारी धन की हुई लूट -गांवों में ढूढने पर नहीं मिल रहे लाभार्थी जागरण संवाददाता जौनपुर तू डाल- डाल तो मैं पात- पात की तर्ज पर सरकार की योजनाओं को सरकार के ही कर्मी लगा रहे पलीता।किसानों की आय दो गुनी करने की मंशा भले ही सरकार की प्राथमिकता में हो किन्तु ऐसे ही होता रहा भ्रष्टाचार तो होने से रही आय दो गुनी।जल संचयन के स्प्रिंकलर सिचाई अनुदान घोटाले में डोभी क्षेत्र का नाम जुड़ गया।

By JagranEdited By: Published: Tue, 27 Aug 2019 07:15 PM (IST)Updated: Tue, 27 Aug 2019 07:15 PM (IST)
किसानों की आय दो गुनी करने की योजना को लग रहा धक्का
किसानों की आय दो गुनी करने की योजना को लग रहा धक्का

जागरण संवाददाता, जौनपुर: तू डाल- डाल तो मैं पात-पात की तर्ज पर सरकार की योजनाओं को सरकार के ही कर्मी लगा रहे पलीता।किसानों की आय दो गुनी करने की मंशा भले ही सरकार की प्राथमिकता में हो किन्तु ऐसे ही होता रहा भ्रष्टाचार तो होने से रही आय दो गुनी। जल संचयन के स्प्रिंकलर सिचाई अनुदान घोटाले में डोभी क्षेत्र का नाम जुड़ गया। इस प्रणाली के अनुदान प्राप्त लाभार्थियों की सूची को तस्दीक करने जब जागरण टीम विभिन्न गांवों में पहुंचे तो उस नाम का कोई नहीं मिला।

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उत्तर प्रदेश सरकार ने डार्क जोन के किसानों की समस्याओं को देखते हुए जल संचयन की दिशा में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हुए स्प्रिंकलर सिचाई प्रणाली के तहत अस्सी से लगायत नब्बे फीसद अनुदान राशि देने की स्कीम चलाई जो जनपद के कृषि विभाग के अधिकारियों द्वारा भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ गया। क्षेत्र के अहिरौली, चंदवक कोट, डीहा, सेमरी, आदि गांवों में अनुदान के लाभार्थी नहीं मिल रहे हैं। जनपद के चौदह विकास खंडों में इस योजना के तहत 289 किसानों को चयनित कर अनुदान दिया गया। इसमें स्प्रिंकलर सिचाई प्रणाली सहित डीजल पम्प का कुल एक करोड़ दस लाख दिया गया किन्तु सच कुछ और ही है। डोभी में जारी सूची के अनुसार जागरण द्वारा सर्वे कराया गया तो एक भी लाभार्थी किसान नहीं मिला। इस संबंध में संबंधित गांवों के ग्राम प्रधान भी लाभार्थी का नाम नहीं जानते हैं न ही ऐसी किसी योजना के गांव के किसी किसान द्वारा संचालित करने की जानकारी है।

वहीं क्षेत्र के तमाम किसानों का कहना है कि विभाग द्वारा किसानों से 25 से 30 फीसद कमीशन की मांग की जा रही थी जिससे बहुत से किसान इसका लाभ नहीं लिए।


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