मातृ भाषा से होती है आत्मीयता की अनुभूति
वीर बहादुर सिंह पूर्वांचल विश्वविद्यालय परिसर में मानव संसाधन विकास मंत्रालय भारत सरकार एवं राष्ट्रीय उच्चतर अभियान के निर्देश के क्रम में गुरुवार को मातृभाषा दिवस मनाया गया।
जासं, मल्हनी(जौनपुर): वीर बहादुर सिंह पूर्वांचल विश्वविद्यालय परिसर में मानव संसाधन विकास मंत्रालय भारत सरकार एवं राष्ट्रीय उच्चतर अभियान के निर्देश के क्रम में गुरुवार को मातृभाषा दिवस मनाया गया। विवेकानंद केंद्रीय पुस्तकालय में विषयों पर मातृभाषा में लिखी गई पुस्तकों की प्रदर्शनी लगाई गई। विश्वविद्यालय परिसर के विभिन्न पाठ्यक्रमों के विद्यार्थियों ने इन पुस्तकों का अध्ययन किया। वक्ताओं ने कहा कि मातृभाषा से आत्मीयता की अनुभूति होती है।
सामाजिक विज्ञान एवं मानविकी के संकाय अध्यक्ष डा.मनोज मिश्र ने छात्रों से कहा कि मातृभाषा हमारी पहचान और पहली बोली है।इसकी उन्नति में ही हम सबकी उन्नति जुड़ी है। फार्मेसी संस्थान में विविधता में एकता विषयक परिचर्चा का आयोजन किया गया, परिचर्चा में प्रतिभागियों ने मातृभाषा की महत्ता पर विस्तार से चर्चा की। इस अवसर पर राजीव कुमार, डा.आलोक दास, डा.नृपेंद्र सिंह, डा.पूजा सक्सेना ने विद्यार्थियों का उत्साहवर्धन किया। प्रबंध अध्ययन संकाय में मातृभाषा पर आधारित वृत्तचित्र इन डेप्थ का प्रदर्शन किया गया। अधिष्ठाता छात्र कल्याण प्रोफेसर अजय द्विवेदी ने कहा कि मातृभाषा का सदैव सम्मान करना चाहिए। मातृभाषा में बोलने से प्रेम बढ़ता है और आत्मीयता की अनुभूति होती है। इस अवसर पर डा.सचिन अग्रवाल, डा.मुराद अली, डा.राकेश कुमार उपाध्याय, राजेश कुमार, मोहम्मद अबू सलेह अनुपम, अभिषेक श्रीवास्तव आदि उपस्थित रहे।