समस्याओं का समाधान न होने से टूट रहा सब्र का बांध
संपूर्ण समाधान दिवस से लेकर समाधान दिवस तक में महज औपचारिकताएं पूरी की जा रही हैं। यही वजह है कि बार-बार शिकायत देने के बाद भी पीड़ितों को निराशा हाथ लग रही है। मंगलवार को आयोजित संपूर्ण समाधान दिवस भी छलावा साबित हुआ। विभिन्न तहसीलों में आए 673 मामलों में महज 45 का ही समाधान हो पाया। तमाम ऐसे पीड़ित हैं जिन्होंने न्याय पाने को कई बार गुहार लगाई लेकिन उनकी आवाज को हर जगह अनसुना किया गया। अधिकारियों के वीआईपी ड्यूटी में रहने की वजह से आयोजन भी फीका रहा।
जागरण संवाददाता, जौनपुर: संपूर्ण समाधान दिवस में महज औपचारिकताएं पूरी की जा रही हैं। यही वजह है कि बार-बार शिकायती पत्र देने के बाद भी पीड़ितों को निराशा हाथ लग रही है। मंगलवार को आयोजित संपूर्ण समाधान दिवस भी कोरमपूर्ति तक सीमित रहा। विभिन्न तहसीलों से आए 673 मामलों में महज 45 का ही समाधान हो सका। तमाम ऐसे पीड़ित कतरा में खड़े दिखे जिन्होंने न्याय पाने को कई बार गुहार लगाई,लेकिन उनकी आवाज को मुकाम नहीं मिल सका। अधिकारियों के वीआइपी ड्यूटी में रहने की वजह से आयोजन भी फींका रहा।
केराकत तहसील में तहसीलदार अमित कुमार त्रिपाठी की अध्यक्षता में आयोजित संपूर्ण समाधान दिवस में कुल 171 प्रार्थना पत्र पड़े। जिसमें महज पांच मामलों का निस्तारण हो सका। वहीं मड़ियाहूं में तहसीलदार सुदर्शनाम की अध्यक्षता में संपन्न संपूर्ण समाधान दिवस में मिले 154 मामलों में महज चार ही निस्तारित हो सके। मछलीशहर में 107 प्रार्थना पत्रों में भी महज नौ का निस्तारण हो सका। यही हाल बदलापुर का भी रहा। यहां पहुंचे 121 प्रार्थना पत्रों में महज 12 ही निस्तारित किए जा सके। शाहगंज की भी स्थिति ठीक नहीं रही। तहसील में उपसंचालक चकबंदी शोभनाथ मिश्रा की अध्यक्षता संपूर्ण समाधान दिवस पर 120 मामलों में महज 15 ही निस्तारित किए जा सके। भारी मन से फरियादियों ने कहा, नहीं होती सुनवाई
संपूर्ण समाधान दिवस में बार-बार पहुंचने के बाद भी विवाद का समाधान न होने की वजह से पीड़ित बेहद दुखी हैं। फरियादियों का कहना है कि जब समाधान ही करना नहीं है तो यह दिखावा भी बंद होना चाहिए। कुछ ऐसे भी फरियादी हैं, जो संपूर्ण समाधान दिवस में पहुंचे तो कई बार लेकिन उनका समाधान नहीं हुआ। नहीं हटा अवैध कब्जा
खलिहान खाते की भूमि पर हुए अवैध अतिक्रमण को हटवाने के लिए अब तक चार प्रार्थना पत्र संपूर्ण समाधान दिवस व अधिकारियों दिया गया, लेकिन अब तक कोई कार्रवाई नहीं की गई। 19 नवंबर को संपूर्ण समाधान दिवस, 22 नवंबर को जिलाधिकारी, 26 नवंबर को मुख्यमंत्री को तथा मंगलवार को पुन: तहसील दिवस में प्रार्थना पत्र देकर न्याय की मांग की लेकिन आज तक सुनवाई नहीं हो सकी।
-राजकुमार, बदलापुर। बरकरार है भूमिधरी पर कब्जा
भूमिधरी पर कुछ लोगों द्वारा जबरन अवैध ढंग से खड़ंजा निर्माण करा लिया गया। इस पर कार्रवाई के लिए अभी तक पांच बार प्रार्थना पत्र दिया जा चुका है, लेकिन सुनवाई नहीं हुई। शिकायती पत्र के बाद भी कोई अधिकारी जांच करने भी नहीं पहुंचा। इसे कोरमपूर्ति नहीं तो और क्या कहा जाय। अब तो मैं निराश हो गया हूं।
-अशोक यादव, बदलापुर। नहीं हुई मामले की सुनवाई
कुछ वर्ष पहले मंगल बाजार स्थित सब्जी मंडी की अपनी दुकान एक व्यक्ति को किराए पर दे दिया। पहले किराएदार समय पर किराया नहीं देता था। अब वह न तो किराया दे रहा है और न ही दुकान खाली कर रहा है। डीएम से लेकर एसडीएम तक से शिकायत के बाद भी नतीजा सिफर रहा। ऐसे में अब समझ नहीं आ रहा कि क्या किया जाय। शासन को ऐसे मामलों पर गंभीरता दिखाने की जरूरत है।
-कन्हैयालाल, मछलीशहर। आज भी है रास्ते पर कब्जा
वर्षों पुराने रास्ते पर कुछ लोगों ने अवैध रूप से अवैध निर्माण करा लिया है। इसे लेकर कई बार शिकायत की गई, लेकिन कार्रवाई के नाम पर कोरमपूर्ति की जा रही है। आम रास्ता खुलवाने को लेकर मंगलवार को एक बार फिर चौथी बार तहसील दिवस में प्रार्थना पत्र दिया, जिसका अधिकारी संज्ञान नहीं ले रहे। इस आयोजन के नाम पर कार्रवाई कम कोरमपूर्ति अधिक की जा रही है।
-तसवीर आलम, मछलीशहर। दो वर्ष से नहीं हो रही पैमाइश
खेत की पैमाइश को लेकर आदेश के बावजूद दो वर्ष तक चक्कर लगाने के बाद भी कुछ नहीं हो सका। नापी के लिए सरकारी शुल्क भी जमा करा दिया गया। जरूरी सभी औपचारिकताओं को पूरा करने के बाद भी संपूर्ण समाधान दिवस से लेकर समाधान दिवस के कई चक्कर लगा चुका, लेकिन अभी तक पैमाइश नहीं हो सकी। जमीन की नापी न होने की वजह से विवाद की स्थिति बनी हुई है।
-सीताराम, शाहगंज। नहीं मिली रही किसान सम्मान निधि
किसान सम्मान निधि के लिए कई बार तहसील में आवेदन करने के बाद भी अभी तक यह नहीं मिल सका। अधिकारियों से पूछने पर भी कोई स्पष्ट जवाब नहीं मिला। सोचा संपूर्ण समाधान दिवस में न्याय मिल जाएगा, लेकिन कई बार शिकायत करने के बाद भी कुछ नहीं हुआ। पूर्व की प्रक्रिया के बारे में कोई कुछ बताता ही नहीं। कई बार शिकायत किसान सम्मान निधि से सहायता राशि नहीं मिल सकी।
-लक्खी देवी, शाहगंज।