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कल से शुरू हो जाएगी धान की खरीद, बनें 104 केंद्र

जौनपुर जनपद में एक नवंबर से धान की खरीद शुरू होगी। जिले में 72700 मीट्रिकटन खरीद लक्ष्य निर्धारित किया गया है। सुविधा के लिए छह एजेंसियों के 104 केंद्र बनाए गए हैं। सरकार द्वारा इस वर्ष समर्थन मूल्य 1760 रुपये से बढ़ाकर 1

By JagranEdited By: Published: Wed, 30 Oct 2019 06:34 PM (IST)Updated: Wed, 30 Oct 2019 06:34 PM (IST)
कल से शुरू हो जाएगी धान की खरीद, बनें 104 केंद्र
कल से शुरू हो जाएगी धान की खरीद, बनें 104 केंद्र

जागरण संवाददाता, जौनपुर: एक नवंबर से धान की खरीद शुरू हो जाएगी। जिले में 72700 मीट्रिक टन खरीद का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। सुविधा के लिए छह एजेंसियों के 104 केंद्र बनाए गए हैं। सरकार द्वारा इस वर्ष समर्थन मूल्य 1760 रुपये से बढ़ाकर 1815 रुपये प्रति क्विटल निर्धारित किया गया है। इससे किसानों का रुझान बढ़ा है।

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जनपद में इस साल 147239 हेक्टेयर में धान की रोपाई की गई है। प्रकृति ने साथ दिया और समय-समय पर हुई बारिश के कारण फसल अच्छी हुई। कृषि विभाग द्वारा 368801 मीट्रिक टन धान के उत्पादन का अनुमान है। एक नवंबर से 28 फरवरी तक धान की खरीद की जाएगी। सरकार द्वारा एक ओर जहां सख्त निर्देश दिये गये हैं कि किसानों को उत्पाद बेचने में किसी प्रकार की परेशानी न हो। इसके मद्देनजर खरीद की मुकम्मल व्यवस्था की गई है। पूर्वी उत्तर प्रदेश में विलंब से फसल की कटाई होने के कारण अभी उत्पादन खलिहानों तक नहीं पहुंचा है। जनपद में धान के पैदावार व खरीद का आंकड़ा..

खेती का रकबा-147239 हेक्टेयर

अनुमानित उत्पादन-368801 मीट्रिक टन

खरीद का लक्ष्य-72700 मीट्रिक टन

सरकार द्वारा समर्थन मूल्य-1815 रुपये प्रति क्विटल

खरीद के लिए बनाए गए केंद्र-104 एजेंसियों को खरीद का लक्ष्य..

एजेंसी- केंद्र- खरीद का लक्ष्य (मीट्रिक टन में)

खाद्य विभाग- 25- 35700

पीसीएफ- 61- 19000

कर्मचारी कल्याण निगम- 3- 3000

यूपी एग्रो- 6- 4000

पीसीयू- 8- 10000

एफसीआइ-1- 1000 3301 किसानों ने कराया पंजीकरण

शासन ने बिचौलियों पर शिकंजा कसने के लिए आनलाइन पंजीकृत किसानों से ही धान खरीद करने का निर्णय लिया है। इसके तहत किसानों को अपना धान बेचने से पहले विभाग के पोर्टल पर अपना आनलाइन पंजीकरण कराना है। पोर्टल पर जाने के बाद किसानों को पांच चरण पूरे करने हैं। पहले चरण के तहत किसानों को एक प्रोफार्मा भरना होगा, जिसमें किसानों का नाम, पता, खतरा-खतौनी के साथ ही कुछ अन्य जानकारियां देनी होती हैं। दूसरे चरण में ड्राफ्ट/किसान पंजीकरण प्रिट प्रपत्र भरना होगा। तीसरे चरण में पंजीकरण से संबंधित ब्योरे के संशोधन का विकल्प होगा जबकि चौथे चरण में पंजीकरण लाक करने के बाद पांचवें चरण में पंजीकरण का फाइनल प्रिट लिया जा सकेगा। यह काम किसान किसी भी जनसुविधा केंद्र या साइबर कैफे से करा सकते हैं। धान बेचने के लिए अभी तक मात्र 3301 किसानों ने ही पंजीकरण कराया है। बोले किसान..

सरकार द्वारा आनलाइन पंजीकरण के चलते जहां उत्पाद बेचने में सहूलियत हो गई है, वहीं समय से भुगतान मिल जा रहा है। मंडी समिति में बने क्रय केंद्र पर गेहूं बेचा था जिसका भुगतान उनके खाते में एक सप्ताह बाद प्राप्त हो गया।

-रामचंद्र मिश्र

गौरैयाडीह, मुंगराबादशाहपुर।

सरकार चाहे जितनी सुविधा दे लेकिन क्रय केंद्र पर किसानों को किसी भी प्रकार की सुविधा नहीं मिल पाती। क्रय केंद्रों की कमी के कारण एक-दो दिन तक ट्रैक्टर पर धान लादकर इंतजार करना पड़ता है। न तो बोरी उपलब्ध होती है और न ही समय से धान की तौल की जाती है। कभी-कभी आधारकार्ड और ऑनलाइन कर आए हुए कागजातों में अंतर बताकर किसानों को धान को वापस कर दिया जाता है।

-नामवर सिंह

जमालपुर, मछलीशहर। बड़े किसानों को छोड़कर छोटे किसानों की तौल क्रय केंद्र पर नहीं करते, कहीं धान में नमी तो कहीं धान खराब होने अधिक नमी होने की बात कहकर किसानों को क्रय केंद्र से वापस कर दिया जाता है। जिससे किसानों को धान मजबूर होकर बिचौलियों को बेचना पड़ता है।

-धन्नालाल कनौजिया

मजगांव (जमालपुर), मछलीशहर। आनलाइन पंजीकरण कराकर जब किसान अपनी फसल को तैयार कर क्रय केंद्र पर ले जाता है तो धान में नमी या पैया बताकर धान को वापस कर देते हैं। बिचौलिए कम दामों पर धान तौल देने की भी बात कहते हैं। क्रय केंद्र पर खरीद न होने पर मजबूर होकर के किसान को अपना धान कम दामों पर बेच देना पड़ता है।

-रामखेलावन पाल

घोरहा, मछलीशहर।

धान खरीद की तैयारी पूरी कर ली गई है। जनपद में करीब नौ लाख बोरे और बजट उपलब्ध हैं। किसान आनलाइन पंजीकरण कराकर मानक के अनुसार उत्पाद केंद्रों पर लाएं। प्राथमिकता के आधार पर धान की करीद की जाएगी। नमी का मानक 17 प्रतिशत निर्धारित है।

-महेश श्रीवास्तव

उपसंभागीय विपणन अधिकारी।


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