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सीएए को लेकर बरगला रहा है विपक्ष

संसद ने भारत की संस्कृति और देश की 130 करोड़ लोगों की भावनाओं के अनुरूप नागरिकता संशोधन अधिनियम 2019 पारित किया है। यह कानून नागरिकता देने वाला है न कि लेने वाला।

By JagranEdited By: Published: Sat, 04 Jan 2020 09:56 PM (IST)Updated: Sat, 04 Jan 2020 09:56 PM (IST)
सीएए को लेकर बरगला रहा है विपक्ष
सीएए को लेकर बरगला रहा है विपक्ष

जागरण संवाददाता, जौनपुर: संसद ने भारत की संस्कृति और देश की 130 करोड़ लोगों की भावनाओं के अनुरूप नागरिकता संशोधन अधिनियम 2019 पारित किया है। यह कानून नागरिकता देने वाला है न कि लेने वाला। विपक्ष के पास कोई मुद्दा न होने के कारण कांग्रेस, समाजवादी पार्टी सहित पूरा विपक्ष झूठ व भ्रम फैलाकर जनता को बरगला रहा है। उक्त बातें भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता केके शर्मा ने शुक्रवार को नगर के एक प्रतिष्ठान में पत्रकारों से बातचीत में कही।

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उन्होंने कहा कि विपक्ष भ्रम फैला रहा है कि यह कानून मुस्लिम समुदाय के खिलाफ है, जबकि गृहमंत्री अमित शाह स्पष्ट कर चुके हैं कि जो इस देश के मुसलमान हैं उनके लिए इस देश के अंदर किसी भी तरह की चिता का सवाल है ही नहीं।

नागरिकता संशोधन कानून में आजादी के बाद से अफगानिस्तान, पाकिस्तान और बांग्लादेश से आए ऐसे हिदू, सिख, जैन, बौद्ध, पारसी शरणार्थियों को नागरिकता से सम्मान व गरिमा देने का प्रावधान है, जिन्हें जबरन धर्म परिवर्तन, नरसंहार व अपनी बहन-बेटियों की इज्जत बचाने के लिए भाग कर भारत में शरण लेनी पड़ी। नागरिकता संशोधन अधिनियम की जरूरत ही नहीं पड़ती अगर कांग्रेस ने आजादी के वक्त देश का बंटवारा धार्मिक आधार पर न करवाया होता। 1950 में हुए नेहरू-लियाकत समझौते में यह तय हुआ था कि दोनों देश अपने यहां रहने वाले अल्पसंख्यकों के हितों की रक्षा करेंगे और उन्हें अपने धर्म को मानने तथा सम्मान की रक्षा की स्वतंत्रता दी जाएगी। भारत ने तो समझौते का पालन किया लेकिन पाकिस्तान में अल्पसंख्यकों पर हुए अत्याचार से पूरी दुनिया परिचित है। उन्होंने कहा कि साल 2004 से लेकर 2014 तक कांग्रेस की अगुवाई वाली यूपीए सरकार ने दर्जनों बार सदन में यह माना है कि पाकिस्तान में हिदुओं सहित सभी अन्य अल्पसंख्यकों जैसे सिख, बौद्ध, पारसी व जैन धर्म पर अत्याचार हुए हैं। नागरिकता संशोधन कानून के माध्यम से प्रधानमंत्री के नेतृत्व में भारत में शरण लेने वाले हिदू, सिख, बौद्ध, जैन, ईसाई और पारसी लोगों के जीवन में आशा, विश्वास, सुरक्षा और आस्था का एक नया संचार हुआ है, साथ ही उन्हें गरिमापूर्ण जीवन जीने का भी अधिकार मिला है। इस दौरान जिलाध्यक्ष पुष्पराज सिंह, अभय राय, मनोज दुबे, रोहन सिंह, दिव्यांशु सिंह, भूपेंद्र कुमार आदि मौजूद रहे।


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