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अंतिम दिन देवी के सिद्धिदात्री स्वरूप के दर्शन को उमड़ी आस्था की भीड़

शारदीय नवरात्र पर्व का महानवमी के साथ सोमवार को समापन हो गया। शीतला चौकियां धाम में नव दुर्गा की नौवीं शक्ति मां सिद्धिदात्री देवी के दर्शन के लिए पूर्वांचल के कोने-कोने से भक्तगण पहुंचे। इस दिन विधि-विधान से वैदिक मंत्रों के बीच यज्ञ और हवन पंडालों में वेदी बनाकर किया गया। पूजन पंडालों व मंदिरों में आयोजित भंडारे में श्रद्धालुओं ने देर रात तक प्रसाद ग्रहण किया।

By JagranEdited By: Published: Mon, 07 Oct 2019 10:26 PM (IST)Updated: Mon, 07 Oct 2019 10:26 PM (IST)
अंतिम दिन देवी के सिद्धिदात्री स्वरूप के दर्शन को उमड़ी आस्था की भीड़
अंतिम दिन देवी के सिद्धिदात्री स्वरूप के दर्शन को उमड़ी आस्था की भीड़

जागरण संवाददाता, जौनपुर : शारदीय नवरात्र के पर्व का महानवमी के साथ सोमवार को समापन हो गया। शीतला चौकिया धाम में मां दुर्गा की नौवीं शक्ति मां सिद्धिदात्री देवी के दर्शन के लिए पूर्वांचल के कोने-कोने से भक्त पहुंचे। इस दिन विधि-विधान से वैदिक मंत्रों के बीच हवन पंडालों में वेदी बनाकर किया गया। पूजन पंडालों व मंदिरों में आयोजित भंडारे में श्रद्धालुओं ने देररात तक प्रसाद ग्रहण किया।

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चौकिया धाम में देररात से ही भक्त कतारबद्ध होकर मां के दर्शन के लिए खड़े रहे। मंदिर पुजारी ने भोर में साढ़े चार बजे मां की मंगला आरती की। मंदिर का कपाट खुलते ही बोलो सांचे दरबार की जय से मंदिर परिसर गुंजायमान हो गया। इसके बाद से भक्त भक्त कतारबद्ध होकर दर्शन करते रहे। यह क्रम देरशाम तक चलता रहा। मंदिर परिसर में बने यज्ञ कुंड में भोर पांच बजे से यज्ञ शुरू हो गया था। शीतला माता मंदिर प्रांगण में बने यज्ञ कुंड में रामनवमी पर्व पर भक्तों ने दर्शन-पूजन के बाद वैदिक मंत्रोच्चार के बीच हवन कुंड में आहुति डालकर अपने कष्टों के निवारण की प्रार्थना की। वहीं दूसरी ओर सरोवर की मरम्मत न होने के कारण श्रद्धालु स्नान नहीं कर सके। व्रतियों द्वारा तथा विभिन्न पंडालों में नौ कन्याओं को पूड़ी-खीर का भोजन कराकर उनकी पूजा की गई। इस दौरान महिलाओं ने देवी को प्रसन्न करने के लिए पचरा गीत गाकर भारतीय संस्कृति को जागृत किया। इसी तरह मैहर मंदिर परमानतपुर समेत सभी देव स्थान शंख ध्वनि व घंटे की आवाज से गुंजायमान रहे। जहां दर्शन-पूजन करने वालों का तांता लगा रहा। विभिन्न लोगों ने अपने घरों तथा समितियों के लोगों ने अपने पूजा पंडालों में हवन कराकर आहुति दी। पंडालों में भी हुआ हवन

अंतिम दिन पंडालों में दर्शन व पूजन के लिए भारी भीड़ उमड़ पड़ी। सुबह से ही विभिन्न संस्थाओं तथा व्रत रहने वाले भक्तों ने यज्ञ और हवन की तैयारी शुरू कर दी थी। पूर्वाह्न से लेकर देररात तक यह कार्यक्रम चलता रहा। वैदिक मंत्रों का उच्चारण शहर और ग्रामीण क्षेत्रों में गूंजता रहा। शहर और ग्रामीण इलाकों में भी लोगों ने विद्वान ब्राह्मणों से पूर्णाहुति यज्ञ संपन्न कराया। इसके साथ ही उन्हें दान-दक्षिणा भी प्रदान कर आशीर्वाद लिया। मल्हनी क्षेत्र के सरायख्वाजा, कोइरीडीहा, जपटापुर, करंजाकला आदि बाजारों में स्थापित पंडालों में दर्शन-पूजन करने वालों की भीड़ लगी रही। सिकरारा क्षेत्र के समाधगंज, गुलजारगंज, प्रतापगंज आदि पंडालों की शोभा देखते ही बन रही है। सुजानगंज क्षेत्र में शारदीय नवरात्र के अंतिम दिन देवी मंदिरों यथा अंबा धाम बसरही, अन्नपूर्णा धाम प्रेम का पूरा, झाली भवानी मंदिर तिलहरा, काली मंदिर पूरा कोई और सबेली, चारोधाम मंदिर गोल्हनामऊ दुर्गा मंदिर सुजानगंज सहित दुर्गा पंडालों यथा गौरीशंकर धाम सुजानगंज, मुस्तफा बाद बालवरगंज, बेलवार, भिखारीपुर, गिड़िहुली, दीपकपुर बेलवार रोड आदि पंडालों पर वैदिक मंत्रों के साथ हवन यज्ञ का आयोजन विधिविधान से किया गया। लोगों ने श्रद्धा के साथ आहुतियां दी।


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