कुलाधिपति की मंशा पर फिर सकता है पानी !
जागरण संवाददाता जौनपुर : वीर बहादुर ¨सह पूर्वांचल विश्वविद्यालय में 21 वें दीक्षांत समारोह में क
जागरण संवाददाता जौनपुर : वीर बहादुर ¨सह पूर्वांचल विश्वविद्यालय में 21 वें दीक्षांत समारोह में कुलाधिपति राम नाईक ने कहा था कि उनकी मंशा है कि नए सत्र में प्रवेश से पहले छात्रों के हाथों में डिग्री हो। इससे उन्हें दूसरे विश्वविद्यालय में प्रवेश व रोजगार की समस्या न हो। उनके इस मंसूबे पर पूर्वांचल विश्वविद्यालय पानी फेरता नजर आ रहा है। अधिकतर कालेजों ने अभी तक प्रायोगिक परीक्षा ही नहीं कराई है। इससे मूल्यांकन के बाद परिणाम निकालने में समस्या होगी। कालेजों की लापरवाही का खामियाजा छात्रों को भुगतना पड़ सकता है।
पूर्वांचल विश्वविद्यालय में जौनपुर, आजमगढ़, गाजीपुर, मऊ, इलाहाबाद में कुल करीब 805 कालेज है। इनमें अधिकतर कालेजों में प्रायोगिक परीक्षा व मौखिक नहीं हुआ है। कालेजों को देरी से परीक्षकों की सूची मिलने से संपर्क करने में मुश्किल हो रही है। वहीं परीक्षकों के पारिश्रमिक का भुगतान कालेज में न आने के कारण प्रक्रिया रुकी हुई थी। जब बजट पहुंचा तो परीक्षकों से संपर्क किया जा रहा है। अभी सिर्फ स्नातक स्तर की प्रायोगिक परीक्षा शुरू हुई है यह मात्र दस फीसद है। राजकालेज, टीडी कालेज जैसे प्रमुख संस्थानों में प्रायोगिक परीक्षा नहीं हुई तो पीजी के कई विषयों में परीक्षकों के नाम नहीं प्राप्त हुए है। वहीं स्नातकोत्तर स्तर पर विश्वविद्यालय द्वारा कुछ कालेजों व परीक्षकों को पत्र भेजा गया है तो कुछ को भेजा जा रहा है। मूल्यांकन पिछले तीन वर्षो से समय पर होने के कारण जहां परिणाम भी समय से आ जाता था। इस बार तो परीक्षा शुरू होने के तीन सप्ताह बाद मूल्यांकन शुरू हुआ है। मान लिया जाए कि विश्वविद्यालय प्रशासन अपने स्तर पर तेज गति से मूल्यांकन कराकर निबटा ले तो कम्प्यूटर पर अंक चढ़ाने के लिए मामला फंस जाएगा। वजह कि कालेजों से प्रायोगिक का अंकपर्ण नहीं पहुंचा है। राज्यपाल की मंशा है कि हर हाल में 30 जून तक परीक्षा परिणाम आ जाए। बावजूद ऐसी स्थिति होने पर इसका खामियाजा छात्रों को भुगतना पड़ेगा। हर बार हजारों छात्र दूसरे विश्वविद्यालय में प्रवेश व रोजगार पाने से वंचित रह जाते हैं।
शिक्षक बोले :-
टीडी कालेज शिक्षक-शिक्षा विभाग के एसोसिएट प्रोफेसर डा.अजय दूबे ने कहा कि विगत वर्षो की भांति इस बार भी पूर्वांचल विश्वविद्यालय की तरफ से परीक्षकों व कालेज को प्रायोगिक परीक्षा का पत्र समय से नहीं भेजा जाता है। बहुत से विषयों में परीक्षकों को प्रैक्टिकल की सूचना ही नहीं हो पाती है। इससे प्रायोगिक परीक्षा होने व परिणाम निकलने में देरी होती है।
मात्र 20 से 25 कालेजों का आया परिणाम :-
अभी तक मात्र 20 से 25 कालेजों की तरफ से प्रायोगिक परीक्षा का अंकपर्ण भेजा गया है। कालेजों को पत्र भेजकर कहा गया है कि मूल्यांकन से पहले प्रायोगिक परीक्षा व मौखिकी का अंक भेज दें। अभी भी कुछ कालेजों को पत्र भेजा जा रहा है।
संजीव ¨सह-प्रभारी परीक्षा नियंत्रक