सड़कों किनारे लगाए गए पौधे सूखने के कगार पर
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जागरण संवाददाता, जौनपुर : पौधरोपण अभियान के तहत सड़कों किनारे लगाए गए पौधे सूख रहे हैं। पर्यावरण को महफूज रखने के लिए बीते पांच वर्षों में 10 लाख पौधे लगाए गए, जिसमें कुछ पौधे ही वृक्ष का रूप ले पाए। बीते वर्ष वन विभाग समेत अन्य विभागों की ओर से पर्यावरण को संरक्षित रखने के लिहाज से छह लाख से अधिक पौधे लगाने का दावा किया गया।
इनमें अधिकांश पौधे कागजों पर ही लगे। जिलाधिकारी की ओर से हाल ही में सम्पन्न हुए पौधरोपण को लेकर तहसीलदारों से मांगी गई रिपोर्ट भी अभी तक मुहैया नहीं कराई गई है। पौधों को सहेजने की बजाय वृक्षों को काटने से पर्यावरण का संतुलन लगातार बिगड़ रहा है।
प्रत्येक वर्ष वन विभाग की ओर से ढाई से तीन लाख पौधे लगाए जाते हैं। हालांकि इनमें से 50 से 60 फीसद पौधे ही वृक्ष का रूप ले पाते हैं। बीते वर्ष दोगुने से भी अधिक पौधरोपण किया गया। शासन के निर्देश के बाद वन विभाग अपनी 22 नर्सरी में सात लाख पौधों को उगाने के बाद विभिन्न विभागों को इसे लगाने के लिए दिया। मुख्यमंत्री कृषक वृक्ष धन योजना के अलावा मुख्यमंत्री सामुदायिक वानिकी योजना, एक व्यक्ति एक वृक्ष व वृक्ष भंडारा योजना के तहत वन विभाग समेत सभी विभागों को वृहद पैमाने पर पौधरोपण की जिम्मेदारी दी गई। कोरम पूरा करने के लिए ग्राम पंचायत की खाली जमीन, सार्वजनिक स्थल व खेतों के मेड़ के किनारे पौधे लगाए तो गए लेकिन इसके बाद पौधों की सुध लेने कोई नहीं पहुंचा। हाल ही में जिलाधिकारी अर¨वद मलप्पा बंगारी ने पौधरोपण अभियान के तहत वन विभाग समेत अन्य विभागों की ओर से लगाए गए पौधों की जानकारी तहसीलदारों के माध्यम से मांगी, जिसे वन विभाग के अलावा अन्य किसी ने मुहैया नहीं कराई।
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वृक्षों की संख्या बढ़ाने के लिहाज से सूखे पौधों को हटाकर वहां दूसरा लगाया जाता है। ग्रामीण इलाकों में पौधों को बचाने के लिए पशु रक्षकों को लगाया गया है। पूर्व में लगाए गए पौधों की समीक्षा के लिए सभी रेंज अफसरों के साथ बैठक कर लगाए गए पौधों को बचाने को लेकर जरूरी निर्देश दिए जाएंगे।
एपी पाठक, डीएफओ --- अबकी 59 लाख पौधे लगने का लक्ष्य
जौनपुर : राज्य सरकार ने अगले वर्ष जिला प्रशासन को जनपद में 59 लाख पौधे लगाने का लक्ष्य दिया है। जिससे जिले में हरियाली बनी रहे। इस बाबत मुख्यालय से दिशा-निर्देश प्राप्त हो गया है। लगातार बढ़ रहा वायु प्रदूषण को नियंत्रित किया जा सके।