Move to Jagran APP

महज कागज में ही घोषित हुआ ओडीएफ गांव

अधिकारियों की उदासीनता की वजह से महत्वपूर्ण स्वच्छता अभियान पर पलीता लग रहा है। आधे-अधूरे शौचालयों के बीच महज कागजों में गांवों को ओडीएफ घोषित कर दिया जा रहा है।

By JagranEdited By: Published: Fri, 14 Feb 2020 07:23 PM (IST)Updated: Fri, 14 Feb 2020 07:23 PM (IST)
महज कागज में ही घोषित हुआ ओडीएफ गांव
महज कागज में ही घोषित हुआ ओडीएफ गांव

जागरण संवाददाता, मुफ्तीगंज (जौनपुर): अधिकारियों की उदासीनता की वजह से महत्वपूर्ण स्वच्छता अभियान पर पलीता लग रहा है। आधे-अधूरे शौचालयों के बीच महज कागजों में गांवों को ओडीएफ घोषित कर दिया जा रहा है। ब्लाक में बनाये गये तमाम शौचालय भी मानकों पर खरे नहीं हैं।

loksabha election banner

ब्लाक में अधिकतर लाभार्थियों का शौचालय अभी तक नहीं बन सका है। जो बने भी वह मानकों पर खरे नहीं हैं। बेलांव गांव के दलित बस्ती के ग्रामीणों का कहना है कि गुणवत्ता न होने की वजह से इसका उपयोग भी नहीं हो पा रहा है। लकठेपुर दलित बस्ती की महिलाओं का कहना है कि प्रधान द्वारा बनवाये गये अधिकतर शौचालय अधूरे हैं। गद्दीपुर गांव में भी बनाये गये शौचालय मानकों की कसौटी पर खरे नहीं हैं। यहां बनवाये गये शौचालय महज शोपीस बनकर रह गये हैं। गांववालों का कहना है कि अपूर्ण शौचालयों की वजह बाहर जाने की मजबूरी है। इस संबंध में मुफ्तीगंज बीडीओ एसबी सिह ने कहा लापरवाही की जांच कराकर दोषियों पर कार्रवाई की जाएगी। ऐसा प्रतीत हो रहा है कि एडीओ पंचायत क्षेत्र में नहीं जा रहे हैं, जिनके खिलाफ कार्रवाई के लिए शासन को पत्र लिखा जायेगा। अपूर्ण शौचालयों को जल्द बनवाने का प्रयास किया जायेगा।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.