महज कागज में ही घोषित हुआ ओडीएफ गांव
अधिकारियों की उदासीनता की वजह से महत्वपूर्ण स्वच्छता अभियान पर पलीता लग रहा है। आधे-अधूरे शौचालयों के बीच महज कागजों में गांवों को ओडीएफ घोषित कर दिया जा रहा है।
जागरण संवाददाता, मुफ्तीगंज (जौनपुर): अधिकारियों की उदासीनता की वजह से महत्वपूर्ण स्वच्छता अभियान पर पलीता लग रहा है। आधे-अधूरे शौचालयों के बीच महज कागजों में गांवों को ओडीएफ घोषित कर दिया जा रहा है। ब्लाक में बनाये गये तमाम शौचालय भी मानकों पर खरे नहीं हैं।
ब्लाक में अधिकतर लाभार्थियों का शौचालय अभी तक नहीं बन सका है। जो बने भी वह मानकों पर खरे नहीं हैं। बेलांव गांव के दलित बस्ती के ग्रामीणों का कहना है कि गुणवत्ता न होने की वजह से इसका उपयोग भी नहीं हो पा रहा है। लकठेपुर दलित बस्ती की महिलाओं का कहना है कि प्रधान द्वारा बनवाये गये अधिकतर शौचालय अधूरे हैं। गद्दीपुर गांव में भी बनाये गये शौचालय मानकों की कसौटी पर खरे नहीं हैं। यहां बनवाये गये शौचालय महज शोपीस बनकर रह गये हैं। गांववालों का कहना है कि अपूर्ण शौचालयों की वजह बाहर जाने की मजबूरी है। इस संबंध में मुफ्तीगंज बीडीओ एसबी सिह ने कहा लापरवाही की जांच कराकर दोषियों पर कार्रवाई की जाएगी। ऐसा प्रतीत हो रहा है कि एडीओ पंचायत क्षेत्र में नहीं जा रहे हैं, जिनके खिलाफ कार्रवाई के लिए शासन को पत्र लिखा जायेगा। अपूर्ण शौचालयों को जल्द बनवाने का प्रयास किया जायेगा।