अब लाभार्थी ऑनलाइन ले सकेंगे योजनाओं का लाभ
लाभार्थियों तक शासन का लाभ पहुंचाने के लिए अब मत्स्य विभाग में योजनाओं का लाभ ऑनलाइन माध्यम से मिलेगा। इसके पहले पारदर्शिता नहीं होने की वजह से मनमानी तरीके से योजनाओं का लाभ अधिकारी अपने चहेतों को दे देते थे लेकिन अब नहीं हो सकेगा।
जागरण संवाददाता, जौनपुर: लाभार्थियों तक शासन का लाभ पहुंचाने के लिए अब मत्स्य विभाग में योजनाओं का लाभ ऑनलाइन माध्यम से मिलेगा। इसके पहले पारदर्शिता नहीं होने की वजह से मनमानी तरीके से योजनाओं का लाभ अधिकारी अपने चहेतों को दे देते थे, लेकिन अब नहीं हो सकेगा। कृषि विभाग की तरह पात्रों को पहले आओ पहले पाओ की तर्ज पर लाभ मिलेगा। इसमे मनरेगा के तहत सुधारे गए तालाबों में निवेश, मत्स्य बीज उत्पादन व हैचरी को प्राथमिकता दी गई है।
नील क्रांति योजना के तहत ग्राम सभा में तालाबों में निवेश व निजी भूमि पर तालाबों का निर्माण की प्रक्रिया को ऑनलाइन कर दिया गया है। लाभार्थियों का चयन भी पहले आओ पहले पाओ के आधार पर किए जाने का फैसला किया गया है। योजना को लेकर मनमानी की लगातार मिल रही शिकायतों को देखते हुए पूरे सिस्टम में ही बदलाव कर दिया गया। इस प्रक्रिया को अनुदानित सभी योजनाओं में शामिल किया गया है।
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रद किए गए कई पट्टे
ऑनलाइन पोर्टल पर फीडिग के दौरान मनमानी तरीके आवंटित किए गए कई पट्टों को रद कर दिया गया है। मुख्यालय की ओर से भी अधिकारियों को निर्देशित किया गया है कि सभी औपचारिकताओं को पूरा किए बिना तालाबों का आवंटन किसी को न किया जाय।
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जरूरतमंदों को मिल सकेगा योजना का लाभ
तालाबों में मत्स्य पालन को लेकर तमाम लोगों ने काफी समय से आवेदन किया है, लेकिन उलझी प्रक्रिया की वजह से जरूरतमंदों को योजना का लाभ नहीं मिल पा रहा है। इस प्रक्रिया के बाद ऐसे लोगों को कार्यालय का बार-बार चक्कर काटने के झंझट से छुटकारा मिल जाएगा।
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बोले अधिकारी
ऑनलाइन सिस्टम तकरीबन सभी विभागों में लागू हो चुका है, लेकिन किन्हीं कारणों से मत्स्य विभाग में यह पूर्ण रूप से लागू नहीं हो पाया था। इस पहल से पारदर्शिता बढ़ेगी। साथ ही आवंटन प्रक्रिया में मनमानी भी बंद होगी।
आरके गुप्ता, जिला मत्स्य अधिकारी।