फर्जी उर्दू शिक्षकों को रिकवरी की नोटिस
बेसिक शिक्षा विभाग में पकड़े फर्जी उर्दू शिक्षकों से एडीएम ने वसूली का आदेश दिया है। उन्होंने शीघ्र नोटिस भेजकर कार्रवाई को कहा है। पकड़े जाने के 15 माह बाद शुरू हुई कार्रवाई से खलबली मची है।
जागरण संवाददाता, जौनपुर: बेसिक शिक्षा विभाग में पकड़े गए फर्जी उर्दू शिक्षकों से एडीएम ने वसूली का आदेश दिया है। उन्होंने शीघ्र नोटिस भेजकर कार्रवाई को कहा है। पकड़े जाने के 15 माह बाद शुरू हुई कार्रवाई से खलबली मची है।
जनपद में उर्दू विषय में सहायक अध्यापक के रिक्त पदों पर वर्ष 2016 में नियुक्ति की गई थी। शिक्षक बनने वालों में कई अभ्यर्थियों ने मोअल्लिम व अन्य अंकपत्र व प्रमाण पत्र फर्जी लगाया था। शासन के निर्देश पर कराए गए सत्यापन में आठ ऐसे शिक्षकों की डिग्री फर्जी निकली। जामिया उर्दू विश्वविद्यालय अलीगढ़ द्वारा पत्र जारी किया गया कि इन नामों से कोई भी डिग्री नहीं जारी की गई है। तत्कालीन जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी डा. राजेंद्र प्रसाद सिंह ने चार अप्रैल 2019 को इन शिक्षकों को बर्खास्त करके मुकदमा पंजीकृत करने का आदेश दिया था लेकिन आज तक मामला ठंडे बस्ते में पड़ा रहा।
सरकार के कड़े तेवर के बाद जहां आनन-फानन में मुकदमा पंजीकृत कराया गया वहीं रिकवरी की भी प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। बेसिक शिक्षा परिषद के वित्त एवं लेखाधिकारी नंदराम कुरील ने बताया कि बीते दस जुलाई को हुई बैठक में एडीएम व जांच टीम के प्रभारी राम प्रकाश ने फर्जी शिक्षकों से वसूली का आदेश दिया है। इसी क्रम में सात शिक्षकों से वेतन, प्रोन्नति, बोनस आदि का लगभग 35 लाख 21 हजार रुपये वसूली की नोटिस भेजी जा रही है। एक शिक्षक का वेतन भुगतान नहीं हुआ था।