हो जाइए सावधान, हाईवे ही नहीं, शहर में भी हैं मौत के अंधे मोड़
कोहरा सिर्फ हाईवे पर ही संकट नहीं बनता। यह शहरों में भी खतरा बन मंडराता है। खासकर आउटर एरिया में। नगर में तमाम ऐसे मोड़ जहां आए दिन दुर्घटनाएं होती हैं। जगह-जगह मानक के विपरीत बनाए गए स्पीड ब्रेकर भी जानलेवा बन गए हैं। तमाम ब्रेकरों को हटाने के बाद स्थानीय लोग जबरन इसे बना देते हैं। तकरीबन यही हाल ग्रामीण इलाकों के सड़कों का भी है। घने कोहरे के दौरान ऐसे स्थानों पर आए दिन वाहन चालक दुर्घटनाग्रस्त होते हैं जिसमे तमाम असमय काल के गाल में समा जाते हैं। इसके अलावा जगह-जगह काट कर छोड़े गए वृक्ष भी कोहरे के दौरान सड़कों पर काल बन जाते हैं।
जागरण संवाददाता, जौनपुर: कोहरा सिर्फ हाईवे पर ही यातायात में संकट नहीं बनता। यह शहरों में भी खतरा बन मंडराता है। खासकर आउटर एरिया में तो और। नगर में तमाम ऐसे मोड़ हैं जहां आएदिन दुर्घटनाएं होती हैं। जगह-जगह मानक के विपरीत बनाए गए स्पीड ब्रेकर भी जानलेवा बन गए हैं। तमाम ब्रेकरों को हटाने के बाद स्थानीय लोग जबरन इसे बना देते हैं। लगभग यही हाल ग्रामीण इलाकों के सड़कों का भी है। घने कोहरे के दौरान ऐसे स्थानों पर आएदिन वाहन चालक दुर्घटनाग्रस्त होते हैं, जिसमें तमाम असमयकाल के गाल में समा जाते हैं। इसके अलावा जगह-जगह काटकर छोड़े गए वृक्ष भी कोहरे के दौरान सड़कों पर काल बन जाते हैं। मनमाने तरीके से बनाए जा रहे स्पीड ब्रेकर
नगर समेत ग्रामीण क्षेत्रों में कई स्थानों पर सड़कों पर लोगों ने मनमाने तरीके से स्पीड ब्रेकर बनवा दिया है, जिनसे कोहरे के दौरान भीषण दुर्घटनाएं होती हैं। कोहरे व धुंध के दौरान बेहद कम ²ष्यता की वजह से वाहन चालक ब्रेकर का अंदाजा नहीं लगा पाते और असुंतलित हो गिर जाते हैं। इस दौरान पीछे चल रहे वाहन आपस में टकरा भी जाते हैं, जिससे स्थिति गंभीर बन जाती है। बदलापुर पड़ाव के अलावा कटघरा में बनाया गया स्पीड ब्रेकर परेशानी का सबब बन गया है। ऐसे स्पीड ब्रेकरों से सबसे अधिक दुर्घटना के शिकार बाइक सवार होते हैं। अंधे मोड़ पर फुटपाथ की अनदेखी
राज्यमार्गों समेत अन्य मार्गों के अंधे मोड़ों पर फुटपाथों की अनदेखी से कोहरा काल बन जाता है। आजमगढ़-जौनपुर राज्यमार्ग स्थित चाचकपुर में सड़क के बगल का फुटपाथ उबड़-खाबड़ है। इस वजह से सामने से आ रहे वाहन को पास देने के लिए वाहन चालक चाह कर भी गाड़ी नीचे नहीं उतार पाता। इससे दिन में तो यहां जहा महज जाम लगता है, वहीं रात अथवा कोहरे के दौरान दुर्घटना की संभावना कई गुना बढ़ जाती हैं। सड़क समेत फुटपाथ को सुधारने लेकर सर्वे होता जरूर है, लेकिन इस पर गंभीरता नहीं बरतने का खामियाजा आम लोगों को भुगतना पड़ता है। टंकी तोड़ने के बाद रख दिया गया पत्थर
किला स्थित तिराहे के पास काफी समय पहले जल निगम की एक टंकी को तोड़ने के बाद उसके नीचे पत्थर व पटिया रखकर छोड़ दिया गया। इसके बाद से ही यह स्थान डेथ जोन के नाम से जाना जाने लगा है। यह रास्ता नगर के व्यस्ततम मार्गों में एक है। ऐसे में कोहरा शुरू होने के साथ ही यहां हादसे बढ़ जाते हैं। आस-पास के लोगों ने कई बार इसकी शिकायत भी कि लेकिन परिणाम कोई नहीं निकला। सड़क चौड़ीकरण पर पेड़ काटा, जड़ छोड़ दिया
लखनऊ-वाराणसी राज्यमार्ग के निर्माण के दौरान नगर स्थित वाणिज्य कर नईगंज तिराहे के समीप विशाल एक वृक्ष को तीन वर्ष पहले काटा गया, लेकिन उसके जड़ को आजतक नहीं निकाला गया। इस वजह से रात तो छोड़िए दिन में भी ओवरटेकिग के दौरान दुर्घटनाएं होती रहती हैं। कोहरे के दौरान इस स्थान पर दुर्घटनाएं कई गुना और बढ़ जाती हैं। कई बार शिकायत के बाद भी जड़ को नहीं निकाला गया। इस मार्ग से आएदिन वीआइपी मूवमेंट होता रहता है। अधिकारी भी इसी रास्ते से रोजाना गुजरते हैं, लेकिन कोई भी अपनी जिम्मेदारी लेने को तैयार नहीं है। जरूरी हो तभी निकलें बाहर
कोहरे के दौरान जरूरत पड़ने पर ही बाहर निकलें। सुरक्षा के लिहाज से बेहतर होगा कि तड़के सुबह व रात में सफर करने से बचें। कोहरे और धुंध में जोखिम भरा होता है। जरूरी नहीं कि जिले से बाहर की सड़क भी महफूज ही हो। ऐसे में कोहरे के दौरान यात्रा का चुनाव समझदारी से करें। कोहरे के अलावा यातायात नियमों का पालन नहीं करने की वजह से दुर्घटनाएं बढ़ी हैं। नियमों के पालन से अपने साथ अन्य का भी जीवन बचाया जा सकता है। कोहरे को काल बनने से रोकने के लिए सभी को सचेत रहना होगा।
-राकेश श्रीवास्तव, कर्मचारी नेता। वाहन चालकों को किया जाय प्रशिक्षित
कोहरे के दौरान दुर्घटनाओं की संख्या को कम करने के लिए वाहन चालकों को प्रशिक्षित भी करना होगा। दुर्घटनाएं सबसे अधिक ट्रक व ट्रैक्टर की वजह से होती हैं। ऐसे जागरूकता की कड़ी में इन्हें सबसे अधिक जोड़ना होगा। अधिकतर ट्रैक्टरों की कमान अप्रशिक्षित चालकों के हाथों में होती है। ऐसे में ट्रैफिक व परिवहन विभाग को ऐसे वाहन चालकों के खिलाफ अभियान के तहत कार्रवाई करने की जरूरत है। किसी को भी अपने फायदे के लिए कायदा बिगाड़ने का कोई अधिकार नहीं है।
-डा. मुकेश शुक्ला। सख्ती बरतने से बनेगी बात
यातायात नियमों के पालन को लेकर जो सख्ती नगर में दिखती है वह ग्रामीण इलाकों में दिखाई नहीं देती। यही वजह है कि तमाम वाहन चालक नियमों का पालन नहीं करते। व्यवस्था को बनाए रखने के लिए कार्रवाई के दायरे को बढ़ाना होगा। तमाम ट्रकों व अन्य भारी वाहनों में रिफ्लेक्टर नहीं लगा रहता, जिससे कोहरे के दौरान अन्य वाहनों की सीधी टक्कर हो जाती है। कोहरे के दौरान दुर्घटनाओं को रोकने के लिए अभियान के तहत भारी वाहनों में रिफ्लेक्टर लगवाने की जरूरत है, जिससे इस दौरान होने वाली दुर्घटनाओं को कम किया जा सके।
-उधम सिंह, व्यवसायी। स्पीड ब्रेकरों की हो समीक्षा
मार्गों पर जगह-जगह बनाए गए स्पीड ब्रेकरों की समीक्षा की जरूरत है। नगर समेत अन्य मुख्यमार्गों पर तमाम स्थानों पर मानकों को ताक पर रखकर बनाए गए स्पीड ब्रेकरों से आएदिन दुर्घटनाएं होती हैं। कोहरे के दौरान तो हादसों की संख्या और बढ़ जाती है। स्पीड ब्रेकर मानक के मुताबिक ही बनने चाहिए। ऐसे में जरूरी है कि अभी तक बनाए गए सभी स्पीड ब्रेकरों की समीक्षा की जाय। इस अभियान में ग्रामीण सड़कों तक को जोड़ा जाय और सूची बनाने की जिम्मा पुलिस को दिया जाय। इस तरह के उपाय से निश्चित तौर पर कोहरे के दौरान होने वाली दुर्घटनाओं में कमी लाई जा सकती है।
-अश्वनी सिंह, शिक्षक। सड़क से लेकर फुटपाथ तक हों सुरक्षित
सुरक्षित सफर का रास्ता बेहतर सड़कों से होकर निकलता है। इसके लिए जरूरी है कि सड़कों के अलावा फुटपाथ तक को दुरुस्त किया जाय। मौजूदा समय में सड़कों की दशा जर्जर है, जबकि फुटपाथ पर अतिक्रमण है। कई ऐसे भी फुटपाथ हैं, जिसे दुकानदारों ने कब्जा कर चबूतरा बना लिया है। संकुचित हुई सड़कों से भी हादसे बढ़ रहे हैं। अधिकारी भी ऐसे लोगों पर कार्रवाई करने की बजाय वास्तविकता से मुंह मोड़ लेते हैं। इस प्रवृत्ति में बदलाव के बाद ही तस्वीर साफ हो सकेगी।
-सुधाकर सिंह, समाजसेवी। फाग लाइट का करें इस्तेमाल
फाग लाइट कोहरे से बचाव के लिए विकल्प के रूप में कार्य करती है। खास के साथ आम लोगों तक इसकी पहुंच आसान बनाने के लिए इसकी कीमतों को बेहद कम करना चाहिए। हो सके तो सरकार खुद खरीदकर इसे सस्ते दाम पर बेचे। लगातार बढ़ रही सड़क दुर्घटनाओं को देखते हुए इस तरह की पहल जरूरी है। यातायात नियम तोड़ने वालों के लिए बढ़ाई गई जुर्माने की राशि एक बेहतर पहल है, लेकिन हादसों को रोकने के लिए बुनियादी सुविधाओं को भी दुरुस्त करना होगा।
-सत्यप्रकाश , ग्राम प्रधान। जागरण सुझाव..
-अंधे मोड़ के अगल-बगल फुटपाथों को दुरुस्त किया जाय।
-मानकों के विपरीत बनाए गए स्पीड ब्रेकरों की समीक्षा की जाय।
-फाग लाइटों को सस्ती कीमत पर दिया जाय।
-कोहरे के दौरान तड़के सुबह व रात के सफर से बचा जाय।
-ट्रक व ट्रैक्टर चालकों को जागरूक किया जाय।
-कोहरे के दैरान डिपर जला छोड़ना बेहतर विकल्प।
-किसी भी सूरत में नशा कर वाहन न चलाएं।