शिक्षकविहीन विद्यालयों में नहीं हुई तैनाती
नगर क्षेत्र के विद्यालय अब शिक्षामित्र और अनुदेशक के भरोसे ही चल रहे हैं। वजह शिक्षकविहीन स्कूलों में शिक्षकों का समायोजन नहीं किया गया।
जागरण संवाददाता, जौनपुर: नगर क्षेत्र के विद्यालय अब शिक्षामित्र और अनुदेशक के भरोसे ही चल रहे हैं। वजह शिक्षकविहीन स्कूलों में शिक्षकों का समायोजन नहीं किया गया। शासन से विस्तारित नगर सीमा में आने वाले विद्यालयों व उसमें कार्यरत शिक्षकों को विकल्प लेकर ग्रामीण से नगर क्षेत्र में समायोजित करने का आदेश था।
नगर क्षेत्र की परिषदीय शिक्षा व्यवस्था 'ज्यों-ज्यों दवा की मर्ज बढ़ता गया' की कहावत को चरितार्थ कर रही है। सर्व शिक्षा अभियान के तहत मध्याह्न भोजन योजना, निश्शुल्क ड्रेस व किताबों का वितरण, मुफ्त पढ़ाई, उपचार आदि की सुविधा मिलने के बाद भी छात्रों की संख्या निरंतर कम होती जा रही है। नामांकन कराने वाले छात्रों को भी गुणवत्तायुक्त शिक्षा नहीं मिल रही है। गत कई वर्षो से नियुक्ति न होने के कारण अधिकांश स्कूल शिक्षकविहीन हैं। यहां गुणवत्तायुक्त शिक्षा की जिम्मेदारी शिक्षामित्रों व अनुदेशकों ने संभाली है। दूसरी तरफ अधिकांश विद्यालयों का भवन जर्जर हो गया है। बच्चों का भविष्य चौपट होता देख अभिभावक बच्चों को इन स्कूलों में भेजने से कतराने लगे हैं। अरसे से नगरीय इलाके के स्कूलों में शिक्षकों की नियुक्ति के लिए शासन को पत्र भेजा जा रहा है लेकिन आज तक व्यवस्था नहीं हो पाई।
नगर क्षेत्र के विद्यालयों का आंकड़ा :
प्राथमिक विद्यालय-37
मर्ज किए गए विद्यालय-10
तैनात प्रधानाध्यापक-00
तैनात शिक्षक-27
पंजीकृत छात्र-2663
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नगर क्षेत्र में जूनियर हाईस्कूल-10
तैनात शिक्षक-00
तैनात प्रधानाध्यापक-01
पंजीकृत छात्र-643 वर्जन ::
- नए वार्डो के स्कूलों व शिक्षकों के समायोजन का आदेश तो आया है लेकिन अभी तक स्पष्ट गाइड लाइन नहीं मिली है। अंतरजनपदीय स्थानांतरण के बाद गाइड लाइन के अनुसार नगर क्षेत्र में समायोजन किया जाएगा।
डा. राजेंद्र प्रसाद सिंह, जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी