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नई पीढ़ी को मधुमेह से बचाने को मैदान में उतारें

नगर के एक होटल में शनिवार की रात हृदय रोगों को बढ़ावा देती है मधुमेह की बीमारी विषयक संगोष्ठी का आयोजन किया गया। मुख्य वक्ता वाराणसी के मधुमेह रोग विशेषज्ञ डा. राजीव कुमार ने कहा कि अनियंत्रित खान-पान आरामतलबी मोटापा के कारण मधुमेह बीमारी की देश में बाढ़ है। यह हर आयु वर्ग के लोगों को अपनी गिरफ्त में ले रहा है। नई पीढ़ी को इस बीमारी से बचाने के लिए खेल के मैदान में उतारें।

By JagranEdited By: Published: Sun, 10 Mar 2019 07:30 PM (IST)Updated: Sun, 10 Mar 2019 07:30 PM (IST)
नई पीढ़ी को मधुमेह से 
बचाने को मैदान में उतारें
नई पीढ़ी को मधुमेह से बचाने को मैदान में उतारें

जागरण संवाददाता, जौनपुर: नगर के एक होटल में शनिवार की रात 'हृदय रोगों को बढ़ावा देती है मधुमेह की बीमारी' विषयक संगोष्ठी का आयोजन किया गया। मुख्य वक्ता वाराणसी के मधुमेह रोग विशेषज्ञ डा. राजीव कुमार ने कहा कि अनियंत्रित खान-पान, आरामतलबी, मोटापा के कारण मधुमेह बीमारी की देश में बाढ़ है। यह हर आयु वर्ग के लोगों को अपनी गिरफ्त में ले रहा है। नई पीढ़ी को इस बीमारी से बचाने के लिए खेल के मैदान में उतारें।

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वरिष्ठ कार्डियोलाजिस्ट डा. पीआर सिन्हा ने कहा कि डायविटीज शरीर के कई अंगों को प्रभावित करता है। लंबे समय तक अनियंत्रित मात्रा में शूगर का दस गुना असर पड़ता है। तीन हजार लोगों की हुई जांच में 1700 लोग मधुमेह की गिरफ्त में पाए गए। इस बीमारी से बचने के लिए ताबूत अनाज, हरी सब्जी, फल का सेवन करें, नियमित व्यायाम व परिश्रम के साथ संतुलित आहार लें। पेट के मोटापा के कारण इंसुलिन बनना बंद हो जाता है और खून में शूगर की मात्रा बढ़ जाती है।

वरिष्ठ फिजीशियन डा. अरुण कुमार मिश्रा ने कहा कि शूगर को नियंत्रित करना आवश्यक है। इसके लिए अगर इंसुलिन आवश्यक हो तो परहेज न करें। यह धारणा गलत है कि एक बार इंसुलिन लेने पर हमेशा सेवन करना पड़ेगा।

वरिष्ठ कार्डियोलाजिस्ट डा. हरेंद्र देव सिंह ने कहा कि मधुमेह पीड़ितों की देश में संख्या निरंतर बढ़ रही है। यह बीमारी हर उम्र के लोगों को गिरफ्त में ले रही है। यहीं रफ्तार रही तो 2025 तक भारत मधुमेह की राजधानी बन जाएगा। इससे बचाव के लिए जन जागरूकता अति आवश्यक है। उन्होंने जनपद में मधुमेह के प्रमुख कारक बन रहे दोहरे के सेवन से बचने का आह्वान किया।


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