भारतीय संस्कृति को संरक्षित करने की जरूरत
जागरण संवाददाता बदलापुर (जौनपुर) वीर बहादुर सिंह पूर्वांचल विश्वविद्यालय की कुलपति प्रोफेसर
जागरण संवाददाता, बदलापुर (जौनपुर) : वीर बहादुर सिंह पूर्वांचल विश्वविद्यालय की कुलपति प्रोफेसर निर्मला एस मौर्या ने कहा कि भारतीय संस्कृति व लोककलाओं को आज सुरक्षित व संरक्षित करने की जरूरत है। जिसकी प्रस्तुति देकर छात्र-छात्राओं ने सिद्ध कर दिया कि दोनों अभी संरक्षित है। यह बातें उन्होंने कस्बे के सल्तनत बहादुर पीजी कालेज में बुधवार को आयोजित संस्थापक प्रवेश द्वार, भवन के उद्घाटन एवं मेधावी छात्र-छात्राओं के सम्मान समारोह में बतौर मुख्य अतिथि कही।
कुलपति ने कहा कि मन हमारे बेटे और हृदय हमारी बेटियां हैं। दोनों मिलकर एक नए युग का सृजन करें और अपनी खुशबू से पूरी दुनिया को सुगंधित करें। तभी शिक्षा के मायने है। उन्होंने कहा कि अनुशासित छात्र राष्ट्र का भविष्य होता है। शैक्षिक गुणवत्ता को गति गुरुजन देते हैं, लेकिन लक्ष्य प्राप्त करना छात्र-छात्राओं का काम है। इसके पूर्व मुख्य अतिथि ने अमर शहीद सल्तनत बहादुर की प्रतिमा पर पुष्प अर्पित कर जहां श्रद्धांजलि दी वहीं प्रवेश द्वार, भवन का वैदिक मंत्रोच्चार के बीच उद्घाटन भी किया। इसके बाद विद्यालय की विभिन्न कक्षाओं में अच्छा अंक पाने वाले छात्र-छात्राओं को मेडल व प्रशस्ति पत्र, महाविद्यालय के सेवायोजित छह विद्यार्थियों, प्रबंध समिति के सदस्यों, ट्रस्टियों, संभ्रांत लोगों को अंगवस्त्रम एवं प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया। छात्र-छात्राओं की तरफ से सांस्कृतिक कार्यक्रमों की प्रस्तुति ने लोगों को मंत्रमुग्ध कर दिया। इस अवसर पर पूर्व प्राचार्य डाक्टर डीएन सिंह, डाक्टर एसपी सिंह, पूर्व प्रमुख ओम प्रकाश सिंह, डाक्टर केसी पाठक, प्रमोद नारायण शुक्ल, कांग्रेस के पूर्व जिलाध्यक्ष रामचंद्र मिश्र, सत्येंद्र प्रताप सिंह, भोलेशंकर सिंह, बेचन सिंह, अनिल पांडेय, केके उपाध्याय, आदित्य प्रताप सिंह आदि उपस्थित रहे। अध्यक्षता प्रबंध समिति के अध्यक्ष विजेंद्र प्रताप सिंह व संचालन डा. डीके पटेल ने किया। स्वागत प्रबंधक विनोद सिंह व आभार प्राचार्य डाक्टर बृजेंद्र सिंह ने व्यक्त किया।