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नानी को चकमा देकर नातिन ट्रेन से फरार

नानी के साथ ताप्ती गंगा एक्स्प्रेस से सूरत जा रही नातिन चकमा देकर काशी रेलवे स्टेशन पर उतर गई। ट्रेन चलने के बाद भी नातिन के नहीं आने से घबराई नानी ने घटना की सूचना अपने दामाद को दी। दामाद ने हेल्पलाइन नंबर पर फोन कर ट्रेन से बेटी के गायब होने की सूचना दी। वायरलेस पर यह मैसेज प्रसारित होते ही रेलवे प्रशासन के साथ आरपीएफ में हड़कंप मच गया। खोजबीन शुरू होने पर किशोरी आरपीएफ के हाथ तो लग गई, लेकिन उसने अपना नाम पता गलत बताकर अधिकारियों काफी देर तक छकाए रखा। किशोरी बख्शा थाना अंतर्गत बेलापार की बताई जा रही है। उधर, उसकी नानी फूलेसरा का अभी कुछ पता नहीं चल सका है। मामला मंगलवार शाम तकरीबन पांच बजे का है।

By JagranEdited By: Published: Wed, 07 Nov 2018 06:36 PM (IST)Updated: Wed, 07 Nov 2018 06:36 PM (IST)
नानी को चकमा देकर नातिन ट्रेन से फरार
नानी को चकमा देकर नातिन ट्रेन से फरार

जागरण संवाददाता, जौनपुर: नानी के साथ ताप्ती गंगा एक्सप्रेस से सूरत जा रही नातिन चकमा देकर काशी रेलवे स्टेशन पर उतर गई। ट्रेन चलने के बाद भी नातिन के नहीं आने से घबराई नानी ने घटना की सूचना अपने दामाद को दी। दामाद ने हेल्पलाइन नंबर पर फोन कर ट्रेन से बेटी के गायब होने की सूचना दी। वायरलेस पर यह मैसेज प्रसारित होते ही रेलवे प्रशासन के साथ आरपीएफ में हड़कंप मच गया। खोजबीन शुरू होने पर किशोरी आरपीएफ के हाथ तो लग गई, लेकिन उसने अपना नाम पता गलत बताकर अधिकारियों काफी देर तक छकाए रखा। किशोरी बख्शा थाना अंतर्गत बेलापार की बताई जा रही है। उधर, उसकी नानी फूलेसरा का अभी कुछ पता नहीं चल सका है। मामला मंगलवार शाम तकरीबन पांच बजे का है।

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काशी में हुए पूछताछ के दौरान किशोरी ने अपना नाम ही नहीं बल्कि धर्म भी बदल कर बताया। मामला संदिग्ध होने की वजह से अधिकारियों ने उससे पूछताछ जारी रखी और काफी देर बाद उसके वास्तविक पते की जानकारी हुई। मामला जौनपुर से जुड़ा होने की वजह से वाराणसाी आरपीएफ बुधवार सुबह किशोरी को जंक्शन भेज दिया। जौनपुर जंक्शन की ओर से मामले की सूचना सूरत में रह रहे किशोरी के मां-बाप को दी गई, लेकिन किशोरी परिजनों के साथ जाने को भी तैयार नहीं है। चाइल्ड वेलफेयर कमेटी (सीडब्ल्यूसी) ने मेडिकल कराए बिना किशोरी को रखने से मना कर दिया। इसके बाद आरपीएफ किशोरी को लेकर महिला चिकित्सालय पहुंची, जहां मेडिल करने वाली डॉक्टर मौजूद ही नहीं थी। अस्पताल पहुंचने के बाद चार घंटे बाद भी किशोरी का मेडिकल नहीं हो सका। आरपीएफ की ओर से मामले की सूचना अस्पताल प्रशासन को देने के काफी देर बाद महिला डॉक्टर पहुंची।

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किशोरी के पिता द्वारा हेल्पलाइन पर शिकायत दर्ज करने के कुछ ही देर बाद उसे पकड़ लिया गया था, लेकिन किशोरी ने अपना नाम व धर्म छुपाकर अधिकारियों को गुमराह किया। महिला चिकित्सालय में मेडिकल के लिए चार घंटे इंतजार करना पड़ा। किशोरी घर जाने को तैयार नहीं है। ऐसे में उसे जरूरी औपचारिकताओं को पूरा करने के बाद उसे सीडब्ल्यूसी को सौंपा जाएगा।

वीएन ¨सह, आरपीएफ प्रभारी, जौनपुर जंक्शन


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