नमाज, नबी की सुन्नत से दूर हो रहा है मुसलमान
जौनपुर: नमाज मोमिन की मेराज है। नमाज नबी की आंखों की ठंडक है। नमाज किसी भी हालत में म
जौनपुर: नमाज मोमिन की मेराज है। नमाज नबी की आंखों की ठंडक है। नमाज किसी भी हालत में माफ नहीं है, इसलिए हर मोमिन का यह फरीजा है कि नबी की सुन्नत को अपनाते हुए नमाज की पाबंदी को कायम करें और सुन्नते रसूल पर चलें। नमाज एक ऐसी इबादत है जिससे मोमिन गुनाहों से दूर रहता। उक्त बातें रबीउलअव्वल के मौके पर मोमिन पूरा कलीचाबाद में आयोजित अंजुमन फैजाने मुस्तफा के मार्फत मुनक्किद जलसे से खेताब करते हुए बलुआघाट के पेश इमाम मौलाना आरिफ ने कही।
उन्होंने कहा कि आज के दौर में मुसलमान खेसारे में पडा हुआ है, क्योंकी वह नमाज और मस्जिदों से दूर होता जा रहा है। अल्लाह और उसके नबी की नाफरमानी कर रहा है। हजरत मोहम्मद स.अ. के नक्शे कदम पर नहीं चल रहा है। नबी की सुन्नत को छोड़ने की वजह से मुसलमान हर जगह हेकारत की नजर से देखा जा रहा है। आज यह जरुरी है कि हर मोमिन नमाज को कायम करे और नबी की सुन्नत को अपने ¨जदगी के सांचे में ढाले। जलसे का आगाज हाफिज रेयाज ने तेलावते कलाम पाक से क। इसके बाद अंजुमन हैदरिया कलीचा बाद, अंजुमन फैजाने मुस्तफा मोमिन पूरा, अंजुमन इदरीसिया रौजाअर्जन, अंजुमन हमीदिया अजमेरी, अंजुमन गुलामाने सहाबा ओलंदगंज ने अपना कलाम पेश किया। जुलूस में फन सिपहगिरी के अखाड़ों ने अपने-अपने हुनर का मुजाहेरा किया। आकिल जौनपुरी, मोहसिन जौनपुरी, हसन जौनपुरी, असीम मछलीशहरी ने भी अपना कलाम पेश किया। जलसे के सरपरस्त हाफिज समीउल्लाह, मोहम्मद नईम, कल्लू प्रधान, सलाहुद्दीन, मोहम्मद अशरफ आदि उपस्थित रहे। सेक्रेटरी इसरार अंसारी ने धन्यवाद ज्ञापित किया।