नियमों को दरकिनार कर ग्राम पंचायतों को भेज दिया 2512.802 लाख
इसे मनमानी कहें या कुछ और, लेकिन खामियाजा जनपद की समस्त ग्राम पंचायतों को भुगतना पड़ रहा है। वजह नियमों की धज्जियां उड़ाते हुए ग्राम पंचायतों को आवंटित किए गए धन में खुला खेल किया गया है। इसकी जानकारी होने पर पंचायती राज विभाग में जिम्मेदारों के हाथ-पांव फूल गए हैं। वे पूरे मामले को दबाने में जुटे हैं। साथ ही आनन-फानन में ग्राम पंचायतों के निधि प्रथम के खाता संचालन पर रोक लगा दिए, ¨कतु चर्चा है कि अधिक धन आने पर कई प्रधानों ने धन का आहरण तक कर लिया है।
जागरण संवाददाता, जौनपुर : इसे लापरवाही कहें या कुछ और, लेकिन खामियाजा जनपद की समस्त ग्राम पंचायतों को भुगतना पड़ रहा है। वजह नियमों को दरकिनार कर ग्राम पंचायतों को 2512.802 लाख रुपये भेजा गया है। जानकारी होने पर पंचायती राज विभाग में जिम्मेदारों के हाथ-पांव फूल गए हैं। वे पूरे मामले को दबाने में जुटे हैं। आनन-फानन में ग्राम पंचायतों के निधि प्रथम के खाता संचालन पर रोक लगा दिए, ¨कतु चर्चा है कि कई प्रधानों ने आए अधिक धन का आहरण भी कर लिया है।
ग्राम पंचायतों से विकास कराने के लिए कई मद बनाए गए हैं। इसके लिए बैंकों में खाते भी खोले गए हैं। इन खातों में धनराशि ई-कुबेर के माध्यम से पंचायती राज विभाग को आवंटित धन को भेजना है। समस्त ग्राम पंचायतों के खाते में चालू वित्तीय वर्ष में चतुर्थ राज्य वित्त के अंतर्गत प्रथम और द्वितीय किश्त की 2512.802 लाख रुपये अक्टूबर माह के आखिरी सप्ताह में प्रेषित गई। विभागीय पड़ताल में यह बात सामने आ रही है कि यह धनराशि भेजने में लापरवाही बरती गई है, क्योंकि गलत तरीके से एक ग्राम पंचायत की धनराशि दूसरे ग्राम पंचायतों में भेज दी गई। सूत्रों के अनुसार जानकारी होते ही कई प्रधानों ने काफी रुपये भी निकाल लिए। इधर मामला तूल पकड़ने पर डीपीआरओ सभाजीत पांडेय हरकत में आ गए। उन्होंने तत्काल सभी ग्राम पंचायतों की निधि प्रथम के खाता संचालन पर रोक लगा दिया। पूरे प्रकरण को लेकर तरह-तरह की चर्चा है।
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बैंक की गलती के कारण ऐसा हुआ। कल तक इसका सत्यापन करा लिया गया। इसके बाद जिस ग्राम पंचायतों को जितनी धनराशि भेजी जानी थी उतनी भेज दी गई है। अब खाता संचालन पर रोक नहीं है। -गौरव वर्मा, मुख्य विकास अधिकारी