आम तोड़ने के विवाद में लाठी-डंडे से पीटकर युवक की हत्या
इस्मैला गांव में सोमवार की देर शाम आम तोड़ने को लेकर एक सप्ताह पहले हुए विवाद को लेकर मनबढ़ों ने लाठी-डंडे व ईंट-पत्थर से हमलाकर युवक की हत्या कर दी। तीन अन्य घायल हो गए। पुलिस ने नामजद छह आरोपितों में से दो को गिरफ्तार कर लिया है।
जागरण संवाददाता, जलालपुर (जौनपुर): इस्मैला गांव में सोमवार की देरशाम आम तोड़ने को लेकर एक सप्ताह पहले हुए विवाद को लेकर मनबढ़ों ने लाठी-डंडे व ईंट-पत्थर से हमलाकर युवक की हत्या कर दी। तीन अन्य घायल हो गए। पुलिस ने नामजद छह आरोपितों में से दो को गिरफ्तार कर लिया है। घटना को लेकर गांव में जातीय तनाव को देखते हुए शांति व्यवस्था बनाए रखने को लेकर पुलिस फोर्स तैनात कर दी गई है।
करीब एक सप्ताह पूर्व आम तोड़ने को लेकर गांव की राजभर व मौर्या बस्ती के युवकों में कहासुनी व हाथापाई हो गई थी। सोमवार की शाम मौर्या बस्ती का नैनेश पास के हरीपुर गांव स्थित शांति चौराहा पर चक्की पर गया था। गेहूं की पिसाई न होने पर खाली हाथ घर लौट रहा था। रास्ते में राजभर बस्ती के कुछ युवकों ने उसकी बुरी तरह से पिटाई कर दी। नैनेश ने घायलावस्था में घर पहुंचकर अपने चाचा अवधेश मौर्य व अन्य स्वजनों को जानकारी दी। स्वजन शिकायत करने राजभर बस्ती जा रहे थे। इसी दौरान रास्ते में ही मनबढ़ों के लाठी-डंडे व ईंट-पत्थर से किए गए हमले में अवधेश (24) मरणासन्न हो गया जबकि नैनेश, अंतिम, जयहिद व प्रवीण घायल हो गए। घटना की सूचना पर पहुंची पुलिस घायलों को जिस वाहन से अस्पताल ले जा रही थी मनबढ़ों ने उस पर भी पथराव कर रोकने का प्रयास किया। हालांकि पुलिस ने घायलों को सीएचसी रेहटी पहुंचाया। डाक्टरों ने प्राथमिक उपचार के बाद जिला अस्पताल रेफर कर दिया। वहां इलाज के दौरान अवधेश की मौत हो गई। मौत की खबर आते ही घर में कोहराम मच गया। गांव में जातीय तनाव की स्थिति उत्पन्न हो गई। हरकत में आई पुलिस ने मृतक के ताऊ श्याम बिहारी मौर्य की तहरीर पर छह नामजद आरोपितों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर ताबड़तोड़ दबिश देकर विनोद व सूरज को गिरफ्तार कर लिया है। अन्य की तलाश सरगर्मी से कर रही है। मृत अवधेश पढ़ाई के साथ करता था कमाई
मुंबई में टैंपो चलाने वाले राम सहाय मौर्य की तीन संतानों में अवधेश इकलौता पुत्र था। बाकी दो बेटियां रागिनी (18) व चंचल (15) हैं। अवधेश शिकोहाबाद के एक महाविद्यालय से प्राइवेट बीएसी की पढ़ाई करने के साथ ही मुंबई में रहकर ड्राइंग वर्क कर कमाई भी करता था। लॉकडाउन से पूर्व 20 मार्च को करीब साल भर बाद परीक्षा देने के लिए वह घर आया था। अवधेश की मौत से परिवार पर वज्रपात सा हो गया है। बड़ी बेटी रागिनी के साथ मुंबई में फंसे पिता राम सहाय मौर्य पुत्र की मौत की खबर से परेशान हैं। मां ऊषा देवी व परिवार के अन्य सदस्यों के करुण-क्रंदन से पूरे गांव का माहौल गमगीन हो गया है।