औषधीय गुणों का खजाना है महुआ
औषधीय गुणों से भरपूर महुआ के वृक्षों से इस समय फूल टपक रहे हैं। जिसे चुनकर लोग खाने तथा बेचने के लिए इकट्ठा कर रहे है। यह जानवर ही नही मनुष्य के लिए भी पोषक आहार है। यह मधुमेह बवासीर तथा गठिया जैसे कई रोगों के लिए गुणकारी तथा स्वास्थ्य के लिए लाभकारी भी है। महिलाएं घर में ठोकवा बरिया हलुआ जैसे स्वादिष्ट व्यंजन भी बनाती है। लंबे समय मे तैयार होने वाले इसके वृक्ष ही नहीं फूल और फली भी महत्वपूर्ण है। फली से तेल निकल जाता है। वह भी गुणकारी है।
जासं, बरईपार (जौनपुर): औषधीय गुणों से भरपूर महुआ के वृक्षों से इस समय फूल टपक रहे हैं। इसे चुनकर लोग खाने तथा बेचने के लिए इकट्ठा कर रहे हैं। यह जानवर ही नहीं मनुष्य के लिए भी पोषक आहार है। यह मधुमेह, बवासीर तथा गठिया जैसे कई रोगों के लिए गुणकारी तथा स्वास्थ्य के लिए भी लाभकारी है। महिलाएं घर में ठोकवा, बरिया, हलवा जैसे स्वादिष्ट व्यंजन भी इससे बनाती हैं। लंबे समय में तैयार होने वाले इसके वृक्ष ही नहीं फूल और फली भी महत्वपूर्ण है। फली से तेल निकल जाता है। वह भी गुणकारी है।
अप्रैल महीने में पेड़ों से पीले सफेद रंग के फूल टपकने लगते हैं। बृजभूषण वैद्य ने बताया कि इसके फूलों में फास्फोरस, शुगर, कैल्शियम, प्रोटीन, वसा आदि पाया जाता है। यह मनुष्य को स्वस्थ रखने के साथ ही कई बीमारी में लाभदायक है। इसका इस्तेमाल मादक द्रव्य, साबुन तथा कई दवाओं में होता है। इसको इकट्ठा करके बागवान अच्छी आय भी कर लेते हैं। इस समय महुआ के पेड़ों के नीचे भोर से इसे चुनने के लिए भीड़ लग जाती है। बाग का मालिक बटाई पर चुनवा रहे हैं।