जागरण ने बनाई अलग पहचान
दैनिक जागरण आज देश की पत्रकारिता जगत का एक स्तंभ बन करके उभरा है। दैनिक जागरण ने 75
दैनिक जागरण आज देश की पत्रकारिता जगत का एक स्तंभ बन करके उभरा है। दैनिक जागरण ने 75 वें वर्ष के अपने सफर के दौरान खबर ही नहीं बल्कि सात-सरोकार को लेकर खुद की अलग पहचान बनाई है। मैं पिछले 39 वर्षों से लगातार दैनिक जागरण पढ़ रहा हूं। मैंने यह महसूस किया कि समय काल परिस्थितियों के अनुसार जिस तरीके के समाचार को देने की परंपरा जागरण ने शुरू की उसी के पदचिह्नों पर चलकर अन्य समाचार पत्रों ने भी अपना एक मानक बनाया है। दैनिक जागरण शुरुआत के दिनों में प्रथम पृष्ठ राष्ट्रीय समाचारों से लेकर के व्यवसाय जगत समाचार, खेल समाचार एवं क्षेत्रीय समाचारों को प्रमुखता दी, जो आज भी काबिले तारीफ है। संपादकीय को छात्रों के लिए विशेषकर प्रतियोगी छात्रों ने मानों तैयार किया जाता है, जिसे प्रतियोगी छात्र जरूर पढ़ते हैं, इससे उन्हें लाभ भी मिलता है। जागरण को पाठकों में सामान्य ज्ञान के साथ-साथ विषय वस्तु की प्रस्तुति की शक्ति बढ़ती है। इससे किसी भी चीज को प्रस्तुत करने की तार्किक क्षमता का विकास होता है। इसके अलावा दैनिक जागरण में उन पहलुओं को भी जो समाज से जुड़े हुए है वह चाहे स्वतंत्रता का, शिक्षा जगत का रहा हो या समाज की कुरीतियों से संबंधित रहा हो सभी पर दैनिक जागरण की बेबाक पत्रकारिता ने आज उसे इस मुकाम पर पहुंचाया है। बहुत ही हर्ष के साथ दैनिक जागरण के 75 वर्ष के पूरे होने पर हम सभी की ओर से शुभकामना। साथ ही साथ एक अपेक्षा और है कि दैनिक जागरण भविष्य में अपने उच्चकोटि की संपादकीय, जिसके लिए जाना जाता है, को बरकरार रखे तथा व्यवसाय, शिक्षा, खेलकूद एवं राष्ट्रीय स्तर की जो असीमित समाचार की विविधता विविध पृष्ट भी बना रहे। उसमें बहुत सारी सूचनाएं समय रहते ही दे दिया करें।
डा. मानस पाण्डेय
प्रबंधन अध्ययन संकाय
समन्वयक,
वीबीएस पूर्वांचल विश्वविद्यालय, जौनपुर