यहां भी हो सकता है मुंबई जैसा हादसा
मुंबई जैसा हादसा यहां भी हो सकता है। कुछ समय पहले जफराबाद व अकबरपुर से टांडा तक हुए विद्युतीकरण का निरीक्षण करने पहुंचे सीआरएस शैलैष पाठक ने पुराने फुटओवरब्रिज को खतरनाक बताया है। रेलवे सेफ्टी से जुड़े वरिष्ठ अधिकारी द्वारा अंदेशा जताने के बाद भी महीनों बीत जाने के बाद भी अधिकारियों ने इसे गंभीरता से नहीं लिया।
जागरण संवाददाता, जौनपुर: मुंबई जैसा हादसा यहां भी हो सकता है। कुछ समय पहले जफराबाद व अकबरपुर से टांडा तक हुए विद्युतीकरण का निरीक्षण करने पहुंचे सीआरएस शैलैष पाठक ने पुराने फुटओवरब्रिज को खतरनाक बताया है। रेलवे सेफ्टी से जुड़े वरिष्ठ अधिकारी द्वारा अंदेशा जताने के बाद भी महीनों बीत जाने के बाद भी अधिकारियों ने इसे गंभीरता से नहीं लिया।
सीसीआरएस ने कहा था कि विद्युतीकरण होने के बाद नॉन स्टाप ट्रेनें काफी तेज गति से गुजरेंगी। ऐसे में जगह-जगह से टूटा ओवरब्रिज से खतरनाक हो सकता है। इस पर उन्होंने संबंधित अधिकारियों से विचार करने को कहा था। इसके थोड़ी ही समय बाद स्टेशन पर इंजीनियरिग विभाग के अधिकारियों ने भी निरीक्षण किया, लेकिन अभी तक हुआ कुछ नहीं। कई दिनों चली कवायद के बाद ओवरब्रिज को बेहतर बनाने के प्रस्ताव पर भी अधिकारियों ने कुछ नहीं किया। स्टेशन पर यात्रियों के बढ़ रहे दबाव को देखते हुए उम्मीद जताई जा रही थी कि प्लेटफार्म संख्या एक के दूसरी छोर पर नया फुट ओवरब्रिज बनाया जाएगा। इस पर किसी प्रकार का फैसला नहीं लिया गया। स्टेशन पर लगातार बढ़ रहे यात्रियों के दबाव से कभी भी हादसा हो सकता है। जौनपुर जंक्शन से रोजाना 30 से 35 ट्रेनें रवाना होती हैं, जिसमे कई एक्सप्रेस शामिल हैं। साथ ही यहां से तकरीबन चार हजार यात्री विभिन्न स्थानों के लिए प्रस्थान करते हैं। गुरुवार रात मुंबई में छत्रपति शिवाजी टर्मिनल स्टेशन के पास फुटओवर ब्रिज गिरने से पांच लोगों की मौत हो गई, जबकि कई घायल हो गए हैं। विभाग के नहीं चेतने पर यहां भी स्थिति खराब हो सकती है। इस बाबत एइएन तेजवीर सिंह ने बताया कि फुट ओवरब्रिज को बनाना है, लेकिन अभी इसके लिए कांट्रैक्ट नहीं हो सका है।