सीएम की चेतावनी के बाद कंट्रोल रूम की बढ़ी सक्रियता
कोरोना संक्रमण रोकने में जहां उदासीनता बरती जा रही है वहीं मरीजों के उपचार में भी घोर लापरवाही का आरोप लगाया जा रहा है। परिणामस्वरूप जनपद संक्रमण के मामले में ही नहीं मौतों में भी पांचवें स्थान पर है। उदासीनता को मुख्यमंत्री के कड़े तेवर का असर सोमवार को देखने को मिला। कल तक गंभीर मरीजों व तीमारदारों का फोन न उठाने वाले कंट्रोल से मंगलवार होम आइसोलेशन के मरीजों का भी कई बार कुशलक्षेम पूछा गया।
जौनपुर: कोरोना संक्रमण रोकने में जहां उदासीनता बरती जा रही है वहीं मरीजों के उपचार में भी घोर लापरवाही का आरोप लगाया जा रहा है। परिणामस्वरूप जनपद संक्रमण के मामले में ही नहीं मौतों में भी पांचवें स्थान पर है। उदासीनता को मुख्यमंत्री के कड़े तेवर का असर सोमवार को देखने को मिला। कल तक गंभीर मरीजों व तीमारदारों का फोन न उठाने वाले कंट्रोल से मंगलवार होम आइसोलेशन के मरीजों का भी कई बार कुशलक्षेम पूछा गया।
ट्रामा सेंटर रेहटी में चार कोरोना पाजिटिव मरीज जीवन और मौत से जूझ रहे हैं। वेल्टीलेटर पर रखे गए इन मरीजों को आक्सीजन पर रखने के साथ ही आठ घंटे में एंटीबायोटिक इंजेक्शन लगाया जा रहा है। आरोप है कि सोमवार को सुबह से रात 11 बजे तक कोई चिकित्सक उनको देखने नहीं आया। इतना ही नहीं दो मरीजों को जहां भोजन नहीं मिला वहीं शाम का इंजेक्शन किसी को नहीं लगाया गया। इस बीच एक घंटे तक आक्सीजन भी बंद कर दिया गया। इन्हीं गंभीर मरीजों में प्राथमिक शिक्षक संघ के करंजाकला ब्लाक अध्यक्ष ने इसकी जानकारी संघ के जिलाध्यक्ष को दी। रात 12 बजे मामला जिलाधिकारी तक पहुंचा तो उन्होंने तुरंत समस्या का समाधान कर अवगत कराने का आदेश दिया। जेडी गिरीश द्विवेदी रात को ही ट्रामा सेंटर पहुंचकर सभी को इंजेक्शन लगवाया और भूखे दो लोगों को भोजन मंगवाया। यह तो एक बानगी है ऐसी ही शिकायत अन्य कोविड अस्पतालों से भी आ रही है।
सीएमओ ने नहीं उठाया फोन
प्राथमिक शिक्षक संघ के जिलाध्यक्ष अमित सिंह ने कहा कि मेरा साथी जीवन और मौत से जूझ रहा है। उसकी हालत गंभीर है। भोजन न मिलने और इंजेक्शन न लगाने, वेलफ्लाम न बदलने आदि की समस्या के लिए कंट्रोल रूम में मैंने रात को फोन किया लेकिन फोन नहीं उठा। आरोप लगाया कि सीएमओ के सीयूजी व व्यक्तिगत नंबर पर भी कई बार संपर्क करने की कोशिश की लेकिन फोन नहीं उठा। विवश होकर जिलाधिकारी से शिकायत की। जिसका असर रहा कि रात 12 बजे समस्या का समाधान हुआ। शिक्षक नेता ने कहा कि जिले के आला अधिकारी देररात तक जहां मरीजों को लेकर सक्रिय हैं वहीं स्वास्थ्य विभाग के मुखिया बेपरवाह हैं।