आइएएस अधिकारी ने छह परिवारों का किया हृदय परिवर्तन
दो दिन की छुट्टी पर गांव आए वाणिज्य मंत्रालय भारत सरकार में उप महानिदेशक के पद पर तैनात वरिष्ठ आइएएस अधिकारी आरएस पांडेय को ईसाई मिशनरियों द्वारा भोले-भाले ग्रामीणों का धर्मांतरण कराने की खबरों ने विचलित कर दिया। उन्होंने विभिन्न गांवों में जाकर ऐसे 11 परिवारों से भेंट की। सनातन धर्म की महत्ता बताते हुए घर वापसी का आग्रह किया। छह परिवार उनकी बात मान गए। वादा किया कि पितृ पक्ष के बाद नवरात्र में पुन: ¨हदू धर्म अपनाकर अपने आराध्य देवी- देवताओं की पहले की तरह पूजा करेंगे।
जागरण संवाददाता, मुंगराबादशाहपुर (जौनपुर): दो दिन की छुट्टी पर गांव आए वाणिज्य मंत्रालय भारत सरकार में उप महानिदेशक के पद पर तैनात वरिष्ठ आइएएस अधिकारी आरएस पांडेय को ईसाई मिशनरियों द्वारा भोले-भाले ग्रामीणों का धर्मांतरण कराने की खबरों ने विचलित कर दिया। उन्होंने विभिन्न गांवों में जाकर ऐसे 11 परिवारों से भेंट की। सनातन धर्म की महत्ता बताते हुए घर वापसी का आग्रह किया। छह परिवार उनकी बात मान गए। वादा किया कि पितृ पक्ष के बाद नवरात्र में पुन: ¨हदू धर्म अपनाकर अपने आराध्य देवी-देवताओं की पहले की तरह पूजा करेंगे।
डिहई का पूरा लौंह गांव के आरएस पांडेय फुरसत के दो दिन निकालकर रविवार को घर आए। क्षेत्र में हो रहे धर्मांतरण की जानकारी होने पर व्यथित हो गए। तुरंत ठान लिया कि वे भटके हुए परिवारों से उनके घर जाकर मिलेंगे। सोमवार को उन्होंने क्षेत्र के पुरऊपुर, गुलरा, सोंहासा आदि गांव में जाकर राज कुमारी, जड़ावती, अनिल कुमार, भुलेश्वर, दयानंद, फूलचंद, रघुनंदन, श्यामलाल, बनवारी, गिरधारी लाल सहित ऐसे 11 परिवारों से मिले जो धर्मांतरण कर चुके हैं। उन्होंने उन्हें बताया कि मुगलकाल में जब ¨हदू धर्म के मानने वाले परिवार के प्रत्येक सदस्य को जजियाकर चुकाना पड़ता था। मुगल शासकों का फरमान था कि जजिया कर चुकाओ नहीं तो इस्लाम अपनाओ। इस्लाम धर्म अपना लेने वाले को कोई कर नहीं चुकाना पड़ता था। तब भारी विपन्नता के बावजूद आपके पूर्वजों ने जजियाकर चुकाया अपना ¨हदू धर्म नहीं छोड़ा। लेकिन चंद लोभ और अंधविश्वास में पड़कर आप लोगों ने धर्मांतरण कर अपने पूर्वजों का अपमान किया है। उनके संवाद का असर यह रहा कि छह परिवार के लोगों ने अपने धर्म में वापसी का वादा किया। कहा कि वे नवरात्रि में पूरे विधि-विधान से घर वापसी और ¨हदू देवी-देवताओं की पूजा करेंगे। आरएस पांडेय ने संकल्प लिया है कि जल्द ही फिर छुट्टी लेकर गांव आएंगे और बाकी भटके हुए परिवारों से मुलाकात हृदय परिवर्तन की कोशिश करेंगे। धर्मांतरण रोकने को क्षेत्र के प्रबुद्ध नागरिकों, शिक्षकों, समाजसेवियों की टोलियां बनाएंगे।