दहेज हत्या में पति व ससुर को दस वर्ष की सजा
सरपतहां थाना क्षेत्र के कम्मरपुर गांव में दहेज की मांग को लेकर विवाहिता की हत्या कर साक्ष्य छिपाने के लिए शव जलाने के आरोपित पति व ससुर को अपर सत्र न्यायाधीश चतुर्थ ने 10 वर्ष कारावास व आठ हजार रुपए जुर्माने की सजा सुनाया।
जागरण संवाददाता, जौनपुर: सरपतहां थाना क्षेत्र के कम्मरपुर गांव में दहेज की मांग को लेकर विवाहिता की हत्या कर साक्ष्य छिपाने के लिए शव जलाने के आरोपित पति व ससुर को अपर सत्र न्यायाधीश चतुर्थ ने दस वर्ष कारावास व आठ हजार रुपये जुर्माने की सजा सुनाया।
आजमगढ़ निवासी मृतका की मां किशोरी देवी ने घटना की प्राथमिकी दर्ज कराई थी। अभियोजन के अनुसार वादिनी की पुत्री अंजना की शादी संदीप के साथ 22 नवंबर 2009 को हुई थी। उसी समय वादी के पति ने एक नई मोटरसाइकिल खरीदा था जिस पर नंबर नहीं पड़ा था। जिसे देखकर अंजना के ससुराल वालों को लगा कि दहेज में मोटरसाइकिल भी मिलेगी लेकिन जब मालूम हुआ कि गाड़ी नहीं मिलेगी तो बारात में हंगामा कर दिया। बारात वापस लेकर जाने लगे। समझाने-बुझाने पर लड़की को ससुराल ले गए लेकिन हीरोहोंडा मोटरसाइकिल की मांग को लेकर अंजना को ससुराल वाले प्रताड़ित करते थे। वह प्रताड़ना के बारे में बताती थी। गत एक नवंबर 2011 को शाम पति व ससुराल वालों ने अंजना की गला दबाकर हत्या कर दिया तथा रातो-रात साक्ष्य मिटाने के लिए शव को जला दिया। दो नवंबर को फोन करने पर इसकी जानकारी मिली। पुलिस ने विवेचना कर पति, सास, ससुर के खिलाफ चार्जशीट कोर्ट में दाखिल की। दौरान मुकदमा सास की मृत्यु हो गई। कोर्ट ने दोनों पक्षों की बहस सुनने के बाद पति संदीप व ससुर लालजी को दहेज उत्पीड़न, दहेज हत्या व साक्ष्य छिपाने का दोषी पाते हुए सजा सुनाई।