हुजूर, देख लीजिए मैं ¨जदा हूं
जासं, जौनपुर : सेवानिवृत सरकारी कर्मचारियों में एक अलग सी 'जंग' चल रही है। यह 'जंग' है ख
जासं, जौनपुर : सेवानिवृत सरकारी कर्मचारियों में एक अलग सी 'जंग' चल रही है। यह 'जंग' है खुद को ¨जदा साबित करने की। जी हां, इन दिनों मुख्य कोषागार में जीवित प्रमाणपत्र देने की पेंशनरों की भीड़ जुट रही है। यह भीड़ तरह -तरह के जतन कर खुद के जीवित होने का प्रमाणपत्र अफसरों तक पहुंचा रही है। देखा जाए तो अब तक 17 हजार पेंशनरों ने खुद के जीवित होने का प्रमाणपत्र दिया है। यहां उनके भाव देखने पर ऐसा लग रहा कि मानो वे बोलकर गए हों कि हुजूर, देख लीजिए मैं ¨जदा हूं।
कोषागार में जीवित प्रमाणपत्र लेने के लिए तीन काउंटर खोल दिए गए। एक पर सिविल पेंशन, दूसरे पर शिक्षा इंटरमीडिएट, डिग्री व अन्य तथा तीसरे पर बेसिक शिक्षा के पेंशनर्स के लिए खोले गए हैं। इसके अलावा आनलाइन जीवित प्रमाण पत्र देने की व्यवस्था की गई है, हालांकि एक वर्ष पहले धक्का मुक्की कर जीवित होने का प्रमाणपत्र देने वाले इस बार आराम से प्रमाण पत्र जमा करते दिखाई पड़ रहे हैं। निगरानी के लिए स्वयं वरिष्ठ मुख्य कोषाधिकारी राकेश ¨सह लगे हुए हैं। कुछ को दिक्कत हो रही थी, जो मदद के बाद हल भी हो रही है, जिसकी शिकायत भी वरिष्ठ कोषाधिकारी तक की गई। इसमें 26 हजार 616 पेंशनरों में 17 हजार पेंशनरों ने अब तक जीवित प्रमाण पत्र दे दिया है, जिसमें करीब डेढ़ हजार से पेंशनर्स आनलाइन जीवित होने का प्रमाण पत्र दिए हैं।
..तो रुक जाएगी पेंशन
वरिष्ठ मुख्य कोषाधिकारी राकेश ¨सह ने कहा कि 17 हजार पेंशनरों ने जीवित होने का प्रमाणपत्र दे दिया है। इसमें करीब डेढ़ हजार पेंशनरों ने आनलाइन जीवित होने का प्रमाण पत्र जमा किया है। प्रार्थना पत्र देने वाले 14 असहाय पेंशनरों का सत्यापन बाद में कराया जाएगा। सभी पेंशनर्स 31 दिसंबर तक जीवित होने का प्रमाण पत्र जमा कर दें, अन्यथा दिसंबर की पेंशन रोक दी जाएगी, फिर उन्हें जनवरी में जीवित प्रमाण पत्र देना होगा, जिसके बाद एरियर के रुप में दिसंबर की पेंशन दी जाएगी।
श्रेणीवार पेंशनरों की संख्या
अखिल भारतीय सेवा-1
सिविल-11480
शिक्षा विभाग-12737
विद्युत विभाग-673
अन्य राज्य-1259
रेलवे-210
राजनैतिक पेंशन(राज्य)-198
विधानसभा-50
न्यायिक सेवा-8