हिदी महज भाषा नहीं हमारी संस्कृति व पहचान भी
हिदी महज भाषा ही नहीं बल्कि हमारी संस्कृति व पहचान भी है। उक्त बातें मंगलवार को हिदी दिवस पर आयोजित संगोष्ठियों में वक्ताओं ने कही। राजा श्रीकृष्ण दत्त स्नातकोत्तर महाविद्यालय में हिदी विभाग के तत्वावधान में हुई गोष्ठी में प्राचार्य कैप्टन डा. अखिलेश्वर शुक्ल ने कहा कि हिदी हमारी पहचान है। भौतिक विज्ञान विभाग की डा. ज्योत्सना श्रीवास्तव ने कहा कि प्रधानमंत्री की योजना डिजिटल इंडिया और इंटरनेट के युग में यदि हिदी भाषा को आधार बनाकर व्यवस्थित ढंग से कार्य किए जाएं तो हमारा देश सशक्त और समृद्ध होगा।
जागरण संवाददाता, जौनपुर : हिदी महज भाषा ही नहीं, बल्कि हमारी संस्कृति व पहचान भी है। उक्त बातें मंगलवार को हिदी दिवस पर आयोजित संगोष्ठियों में वक्ताओं ने कही। राजा श्रीकृष्ण दत्त स्नातकोत्तर महाविद्यालय में हिदी विभाग के तत्वावधान में हुई गोष्ठी में प्राचार्य कैप्टन डा. अखिलेश्वर शुक्ल ने कहा कि हिदी हमारी पहचान है। भौतिक विज्ञान विभाग की डा. ज्योत्सना श्रीवास्तव ने कहा कि प्रधानमंत्री की योजना डिजिटल इंडिया और इंटरनेट के युग में यदि हिदी भाषा को आधार बनाकर व्यवस्थित ढंग से कार्य किए जाएं तो हमारा देश सशक्त और समृद्ध होगा।
महाविद्यालय की मुख्य अनुशास्ता हिदी विभागाध्यक्ष डा. सुधा सिंह ने कहा कि हिदी भाषा को ज्ञान, विज्ञान, व्यापार और संचार आदि क्षेत्रों के लिए भी तैयार करना होगा। डा. सुनीता गुप्ता, मधु पाठक, रागिनी राय, गुंजन मिश्रा, मयानंद उपाध्याय आदि उपस्थित थे।
नगर के आरएन टैगोर सीनियर सेकेंडरी स्कूल में भाषण, वाद-विवाद, निबंध लेखन प्रतियोगिता व अन्य सांस्कृतिक कार्यक्रमों में छात्र-छात्राओं ने उत्कृष्ट प्रदर्शन किया। विद्यालय प्रबंधक डा. पीके सिंह ने कहा कि हिदी हमारी मातृभाषा है और हम सब को इसका सम्मान करना चाहिए। प्रधानाचार्य डा. शीला सिंह ने उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले छात्र-छात्राओं की सराहना की।
मल्हनी प्रतिनिधि के अनुसार : सेंट जांस स्कूल सिद्दीकपुर में छात्रों व शिक्षकों ने हिदी के उत्थान के लिए विचार व्यक्त किए। प्रधानाचार्य फादर पी विक्टर ने कहा कि अंग्रेजी सीखना कला हो सकता है पर अपनी राष्ट्रभाषा सीखना, बोलना और उसका सम्मान करना हमारी नैतिक जिम्मेदारी है। जिस तरह हम अपनी मां का सम्मान करते हैं उसी तरह हमें अपनी मातृभाषा और राष्ट्रभाषा का सम्मान करना चाहिए। भाषा और बोलना शुद्ध हो तो व्यक्ति शक्तिशाली बनता है। व्यक्तित्व में निखार आता है।
नौपेड़वा प्रतिनिधि के अनुसार : बक्शा विकास खंड के मखदूमपुर औंका व दक्षिणपट्टी रन्नो विद्यालय पर हिदी दिवस कार्यक्रम मनाया गया। मखदूमपुर गांव स्थित सीताराम सिंह पब्लिक स्कूल पर विद्यालय सरंक्षक लाल रत्नाकर सिंह ने स्कूली बच्चों के बीच हिदी दिवस की महत्ता बताई। इस दौरान प्रबंधक सुधीर सिंह, लक्ष्मीकांत उपाध्याय ने भी संबोधित किया। संत परमहंस औंका के प्रधानाचार्य डा. अखिलेश चंद श्रीवास्तव ने छात्र-छात्राओं को हिदी की महत्ता बताई। दक्षिणपट्टी रन्नो प्राथमिक विद्यालय की शिक्षिका प्रीती श्रीवास्तव ने विद्यालय परिसर में बच्चों को हिदी दिवस की रोचक जानकारी प्रदान की।
सुजानगंज प्रतिनिधि के अनुसार : रघुवीर महाविद्यालय थलोई में आयोजित कवि सम्मेलन में कवियों ने हिदी दिवस पर अपनी विशेष रचना प्रस्तुत की। कवि प्रेम शंकर द्विवेदी, राजेंद्र प्रसाद पांडेय, राकेश पांडेय, अमरनाथ सिंह ने बेहतरीन प्रस्तुति दी। संचालन शिवानंद चौबे ने किया। मुख्य अतिथि डा. आरपी ओझा ने कहा हिदी हमारी मां व संस्कृत दादी मां है। अध्यक्षीय उद्बोधन रामाराम पांडेय निराला ने किया। आयोजक डा. विनय कुमार तिवारी ने कवियों को अंगवस्त्रम और स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित किया। अपनी भाषा से है अपनी पहचान
जासं, मल्हनी (जौनपुर) : वीर बहादुर सिंह पूर्वांचल विश्वविद्यालय में विवेकानंद केंद्रीय पुस्तकालय तथा भाषा, संस्कृति व कला प्रकोष्ठ के तत्वावधान में हिदी दिवस समारोह का आयोजन हुआ। कुलपति प्रो. निर्मला एस मौर्या ने कहा कि अपनी भाषा से ही अपनी पहचान है। भारत की पहचान विदेशों में हिदी से है, भारत के हर कोने में हिदी बोली जा रही है।
वित्त अधिकारी संजय कुमार राय ने कहा कि हिदी का प्रकाश संपूर्ण देश में फैलता रहे, इसके लिए सबको प्रयास करते रहना चाहिए। कुलसचिव महेंद्र कुमार ने कहा कि हिदी हमारी बुनियाद है, जो हमें भावनात्मक रूप से जोड़ती है। स्वागत मानद पुस्तकालयाध्यक्ष प्रो. मानस पांडेय व आभार डा. मनोज मिश्र ने व्यक्त किया। संचालन डा. विद्युत मल्ल ने किया।