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सरकारी उपक्रमों का निजीकरण बंद करे सरकार

केंद्रीय श्रम संगठन औद्योगिक फेडरेशन एवं कर्मचारी संगठनों के राष्ट्रव्यापी हड़ताल के चलते बुधवार को सरकारी कार्यालयों में कामकाज ठप रहा। कर्मचारियों ने कार्यालयों के सामने विरोध-प्रदर्शन के बाद जुलूस की शक्ल में कलेक्ट्रेट परिसर पहुंचकर अपनी ताकत का एहसास कराया। धरना सभा में वक्ताओं ने कहा कि सरकारी उपक्रमों का निजीकरण बंद किया जाए। हड़ताल के चलते जिले में लगभग

By JagranEdited By: Published: Wed, 08 Jan 2020 06:30 PM (IST)Updated: Wed, 08 Jan 2020 06:30 PM (IST)
सरकारी उपक्रमों का निजीकरण बंद करे सरकार
सरकारी उपक्रमों का निजीकरण बंद करे सरकार

जागरण संवाददाता, जौनपुर: केंद्रीय श्रम संगठन, औद्योगिक फेडरेशन एवं कर्मचारी संगठनों की राष्ट्रव्यापी हड़ताल के चलते बुधवार को सरकारी कार्यालयों में कामकाज ठप रहा। कर्मचारियों ने कार्यालयों के सामने विरोध-प्रदर्शन के बाद जुलूस की शक्ल में कलेक्ट्रेट पहुंचकर अपनी ताकत का एहसास कराया। धरना सभा में वक्ताओं ने कहा कि सरकारी उपक्रमों का निजीकरण बंद किया जाय। कर्मियों की हड़ताल के चलते जिले में बैंक सहित अन्य संस्थाओं से लगभग 80 करोड़ का लेन-देन प्रभावित रहा। अंत में मांगों से संबंधित ज्ञापन जिला प्रशासन को सौंपा।

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कलेक्ट्रेट में धरना सभा को संबोधित करते हुए वक्ताओं ने कहा कि देश के मजदूर आंदोलन ने आजादी के पूर्व व बाद में सरकारों से लड़कर जो अधिकार श्रमिकों ने प्राप्त किया था और मजदूर हित में कानून बने थे उन सभी कानूनों को मोदी सरकार देशी तथा विदेशी कारपोरेट पूंजीपतियों के हित में बदलना चाहती है। कुछ श्रमिक कानूनों को उनके पक्ष में बदल भी दिया गया है। मोदी सरकार दोबारा सत्ता में आने के बाद सौ दिन के काम की प्राथमिकता में सार्वजनिक क्षेत्र का निजीकरण करने व श्रम कानून में कारपोरेट के पक्ष में बदलाव करने और नए औद्योगिक विकास के लिए भूमि बैंक के गठन की घोषणा की। श्रमिक हित के कानून को समाप्त कर दिया है।

प्रमुख मांगों में सभी श्रमिकों को 21 हजार न्यूनतम वेतन दिया जाए, इसे मूल्य सूचकांक से जोड़ा जाए। केंद्रीय एवं राज्य कर्मचारियों के लिए पुरानी पेंशन बहाल हो, स्कीम, वर्कर, आंगनबाड़ी, आशा, रोजगार सेवक, चौकीदार समेत अन्य ऐसे कर्मियों को राज्य कर्मचारी घोषित किया जाए। सभी उद्योगों में कार्यस्थल पर दुर्घटना में मृत्यु होने पर संविदा, आउट सोर्सिंग कर्मचारी, नियमित कर्मचारियों को दस लाख रूपये रुपया तथा आश्रितों को नौकरी दी जाय। धरना सभा को सीबी सिंह अध्यक्ष पेंशनर्स एसोसिएशन, अजय सिंह कार्यवाहर अध्यक्ष राज्य कर्मचारी महासंघ, राजेंद्र यादव अध्यक्ष श्रमिक संघ, एसएन जायसवाल, आरपी सिंह मंत्री बैंक इम्प्लाइज एसोसिएशन, अजय चौरसिया अध्यक्ष यूपीएमएसआरए, सुनीता यादव अध्यक्ष आंगनबाड़ी, मो. शकील गोमती ग्रामीण बैंक, कल्लू पीडब्लूडी, सुजीत एलआइसी आदि ने संबोधित किया। धरना सभा का संचालन कामरेड नीरज ने किया। गेट पर ताला बंद कर डाक कर्मियों ने दिया धरना

जौनपुर: अखिल भारतीय डाक कर्मचारी संघ के केंद्रीय महासंघ के आह्वान पर डाक कर्मचारियों ने मुख्य गेट पर ताला बंद धरना-प्रदर्शन किया। धरना सभा को कर्मचारी नेता राम उजागिर यादव, हरि शंकर यादव, श्रीप्रकाश गुप्ता, राजेश सिंह, कन्हैया गुप्ता, राकेश त्रिपाठी आदि ने संबोधित किया। आंदोलन में जनपद के सभी 53 उप डाकघर व 367 शाखा डाकघर पूर्ण रूप से बंद रहे। राष्ट्रव्यापी हड़ताल का अहम हिस्सा रहे दवा प्रतिनिधि

जौनपुर: दवा प्रतिनिधियों की राष्ट्रीय संगठन एफएमआरएआइ के आह्वान पर जनपद के दवा प्रतिनिधि हड़ताल पर रहे। बुधवार को शहर के दस पिकटिग प्वाइंट पर दस से बारह की संख्या में खड़े होकर अपने साथियों को मांगों के संदर्भ में जागरूक करते रहे। करीब बारह बजे दोपहर में कांशीराम सामुदायिक भवन के पास एकत्र होकर जुलूस की शक्ल में जिलाधिकारी प्रांगण में संयुक्त सभा में शामिल हुए। कार्यक्रम को सफल बनाने में अध्यक्ष अजय चौरसिया, सचिव राजेश रावत, आलोक सिंह, मनोज सिंह, अमित रंजन श्रीवास्तव, अजय सिंह, अजीत सिंह की सक्रिय भूमिका रही है। विद्युत कर्मियों ने किया प्रदर्शन

विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति उत्तर प्रदेश के आह्वान पर विभिन्न समस्याओं के समाधान हेतु राष्ट्रव्यापी कार्य बहिष्कार को पूरी एकजुटता से सफल बनाया। विरोध प्रदर्शन की अध्यक्षता बलभद्र मिश्र व संचालन निखिलेश सिंह ने किया। धरना सभा को विनोद कुमार, मनोज कुमार, आरएन मिश्रा, रोशन जमीर, निर्भीक भारती आदि ने संबोधित किया।


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