लापरवाही संग तेज रफ्तार बन रही जानलेवा
रफ्तार का कहर व यातायात नियमों का पालन नहीं करना दुर्घटनाओं की बड़ी वजह बन रही हैं। आठ माह में हाईवे पर अलग-अलग स्थानों पर हुए हादसे में 115 लोगों ने जान गंवा दी। इतना ही नहीं बीते चार वर्षों में अलग-अलग स्थानों पर हुई 2
जागरण संवाददाता, जौनपुर : रफ्तार का कहर व यातायात नियमों का पालन नहीं करना दुर्घटनाओं की बड़ी वजह बन रही हैं। आठ माह में हाईवे पर अलग-अलग स्थानों पर हुए हादसे में 115 लोगों ने जान गंवा दी। इतना ही नहीं बीते चार वर्षों में अलग-अलग स्थानों पर हुई 2800 दुर्घटनाओं में दो हजार लोग घायल हुए, जबकि 1294 की जान चली गई। लगातार बढ़ रही दुर्घटनाओं के बाद भी पुलिस-प्रशासन की ओर नियमों को ताक पर रखकर वाहन चला रहे चालकों के लिए किसी भी प्रकार की कार्रवाई नहीं की जा रही है। बीते 22 जुलाई को जलालपुर में ट्रेलर ने 10 लोगों को कुचल दिया था, जिसमें छह लोगों की मौत हो गई थी।
सड़क दुर्घटनाओं में मौतों का आंकड़ा लगातार बढ़ रहा है। लखनऊ-वाराणसी हाईवे के अलग-अलग स्थानों पर हुए सड़क दुर्घटना में अभी तक 115 लोगों की मौत हो गई, जिसमें सर्वाधिक एक्सीडेंट ट्रक व ट्रैक्टर की वजह से हुई। नियमों को रौंदकर वाहन चलाने वालों पर पुलिस की ओर से भी किसी प्रकार की सख्ती नहीं की जा रही है। आमतौर पर चालक ट्रकों को मुख्य मार्गों चल रहे ढ़ाबों पर ईधर-उधर खड़ाकर आराम फरमाने चले जाते हैं, जो नियम विरुद्ध है। इसके अलावा तमाम वाहन चालक नशे में वाहन चलाने के साथ ही यातायात नियमों का पालन नहीं करते हैं। ...
वर्ष - 2014
दुर्घटना : 646, घायल: 404, मौत: 242
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वर्ष- 2015
दुर्घटना: 662, घायल: 502, मौत: 260
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वर्ष- 2016
दुर्घटना: 820, घायल: 540, मौत: 367
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वर्ष-2017
दुर्घटना: 468, घायल: 330, मौत: 325
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वर्ष 2018 में अभी तक सौ से अधिक स्थानों पर हुई दुर्घटनाओं में 250 लोग घायल हुए हैं जबकि 115 लोगों की मौत हो चुकी है।